माता श्री चिंतपूर्णी श्रावण अष्टमी मेला 17 से 25 अगस्त तक होगा आयोजित - उपायुक्त ऊना

माता श्री चिंतपूर्णी श्रावण अष्टमी मेला 17 से 25 अगस्त तक होगा आयोजित - उपायुक्त ऊना

अक्स न्यूज लाइन --  ऊना,  11 अगस्त   - 2023
छिन्मस्तिका धाम माता श्री चिंतपूर्णी में श्रावण अष्टमी मेले का आयोजन इस वर्ष 17 से 25 अगस्त तक किया जाएगा। मेले के सफल आयोजन की तैयारियों से संबंधित समीक्षा के लिए शुक्रवार को उपायुक्त ऊना राघव शर्मा की अध्यक्षता में चिंतपूर्णी में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उपायुक्त ऊना ने बताया कि 17 से 25 अगस्त तक चलने वाले माता श्री चिंतपूर्णी आश्रवण आष्टमी मेले में एडीसी मेला अधिकारी, एसडीएम अंब सहायक मेला अधिकारी जबकि एएसपी पुलिस मेला अधिकारी तथा डीएसपी अंब को सहायक पुलिस मेला अधिकारी नियुक्त किया गया है।
उन्होंने कहा कि मेले के दौरान मां चिंतपूर्णी का मंदिर चौबीसों घंटे खुला रहेगा और साफ-सफाई के लिए केवल एक घंटा बंद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान धारा 144 लागू रहेगी तथा किसी भी प्रकार का हथियार ले जाने के अलावा मेले में ढोल नगाड़े, लाउडस्पीकर तथा चिंमटा इत्यादि बजाने पर प्रतिबंध रहेगा। इस के अतिरिक्त प्लास्टिक व थर्माेकोल के इस्तेमाल पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मालवाहक वाहनों के माध्यम से माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर आने पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने बताया कि नियमों की उल्लंघना करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
राघव शर्मा ने बताया कि मेले के दौरान कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए मेला क्षेत्र को दस सैक्टरों में बांटा गया है। सुरक्षा के दृष्टिगत पर्याप्त मात्रा में पुलिस व होमगार्ड के जवानों को तैनात किया जाएगा जिसके लिए सरकार से 1600 अतिरिक्त पुलिस तथा होमगार्ड जवानों की मांग की गई है। उन्होंने बताया कि मेले के दौरान यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए भारी वाहनों की पार्किंग भरवांई में की जाएगी जबकि छोटे वाहनों की पार्किंग बाबा माई दास सदन मैं बने पार्किंग स्थल तथा नए बस अड्डे में बने पार्किंग स्थल में की जाएगी। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान डॉग स्क्वायड का प्रबंध भी किया जाएगा। सभी सैक्टरों की निगरानी कंट्रोल रूम से की जाएगी। उन्होंने बताया कि मेले के दौरान सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुबारकपुर चौक से चिंतपूर्णी तक विभिन्न स्थानों पर 80 अस्थाई शौचालय बनाए जाएंगे। भिक्षावृत्ति की रोकथाम के लिए मेला क्षेत्र में जिला बाल संरक्षण अधिकारी की टीमों द्वारा नियमित निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा अतिरिक्त बसें भी चलाई जाएंगी। मेले के दौरान श्रद्धालुओं को चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने के लिए विभिन्न स्थानों पर 7 एलोपैथिक तथा 2 आयुर्वैदिक कैंप स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा मेला क्षेत्र में 3 मोबाइल चिकित्सा वाहन भी उपलब्ध रहेंगे। किसी भी आपात अथवा आगजनी इत्यादि की घटना से निपटने के लिए अग्निशमन वाहन तैनात रहेंगें। 
 उन्होंने बताया कि मेले में आने वालों श्रद्धालुओं को बाबा माई दास सदन में दर्शन पर्ची लेना अनिवार्य होगा। इसके अलावा सुगम दर्शन प्रणाली के तहत 5 लोगों तक के समूह के लिए 1100 सौ रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है जबकि दिव्यांग तथा वरिष्ठ नागरिकों के लिए परिचारक सहित 50 रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है। सुगम दर्शन प्रणाली का लाभ देने वालों के लिए बाबा माई दास सदन से मंदिर की लिफ्ट तक ई वाहन द्वारा आने जाने की निशुल्क सुविधा भी प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि सुगम दर्शन प्रणाली के तहत प्रतिदिन केवल 500 व्यक्तियों को दर्शन करने की अनुमति होगी तथा मेला अवधि के दौरान श्रद्धालुओं की अधिक संख्या की स्थिति में इसमें कटौती की जा सकती है।
उपायुक्त ऊना ने बताया कि श्रावण आष्टमी मेले के दौरान लंगर लगाने की अनुमति प्रदान की जाएगी। इसके लिए लंगर के आयोजक को 10 हजार रुपए सिक्योरिटी देनी होगी। आयोजक को लंगर की समाप्ति के बाद साफ-सफाई भी सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने बताया कि मेलावधि के दौरान डीएफएससी ऊना नियमित रूप से निरीक्षण करेंगे।
बैठक के उपरांत उपायुक्त ने चिंतपूर्णी में मंदिर परिसर के अलावा बाबा माई दास सदन, माधो का टीला, शिव मंदिर, नया बस अड्डा सहित विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण किया तथा विभिन्न विषयों बारे संबंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए ।
उपायुक्त ऊना ने मेले के दौरान सभी विभागीय अधिकारियों, क्षेत्र के लोगों तथा आने वाले श्रद्धालुओं से मेले के सफल आयोजन के लिए अपना हरसंभव सहयोग प्रदान करने की अपील भी की। 
बैठक में एडीसी महेंद्र पाल गुर्जर,एसडीएम अंब विवेक महाजन, एसडीएम देहरा शिल्पी बेक्टा, मंदिर अधिकारी अजय सिंह, डीएसपी सुधा सूद सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व विभिन्न पंचायतों के प्रधान तथा चिंतपूर्णी मंदिर न्यास के ट्रस्टी भी उपस्थित थे।
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