उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने आज फायर सेफ्टी से संबंधित कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुये सभी संबंधित विभागों को जिला में फॉरेस्ट फायर तथा डोमेस्टिक फायर की घटनाओं की रोकथाम के लिए समय पर कदम उठाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि आगजनी की घटना की सूचना मिलते ही तुरंत कार्यवाही की जाये और पानी के टैंक तथा वाटर हाइड्रेंट जैसे संसाधनों को आग से नियंत्रण हेतु उपयोग के लिये अधिक सुचारू बनाया जाये।
उपायुक्त ने वन विभाग को पंचायत पदाधिकारियों, प्रधान, उप-प्रधान वार्ड सदस्य इत्यादि को जंगल में आग लगने की संभावना के बारे में ग्रामीणों को जागरूक करने तथा आग बुझाने के लिए सुरक्षाकर्मियों को स्थानीय लोगों के सहयोग से कार्य करने के लिए कहा।
उपायुक्त ने निर्देश दिए की जिला ग्रामीण अभिकरण के माध्यम से बनी समस्त जल स्रोतों टैंकों, बावड़ियों, इत्यादि की सफाई तथा उनका दुरुस्ती सुनिश्चित करें ताकि आगजनी की स्थिति में इन सभी जल स्रोतों का प्रयोग अग्निशमन के लिए सुनिश्चित बनाया जा सके।
उपायुक्त ने उपमंडल स्तर पर भी आगजनी की समस्याओं तथा जंगल की आग से निपटने के लिए बनाई गई कमेटियों की बैठक करने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने बताया कि कहा कि उपमंडल स्तर पर अग्निशमन के लिए कन्वर्जेंस में कार्य किया जा सकते हैं। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि जीबी पंत अनुसंधान संस्थान मौहल के सौजन्य से सूचना, शिक्षा व संचार सामग्री जन जागरूकता के उद्देश्य से उपलब्ध करवाई जाएगी जिससे आम जनता को अधिक से अधिक जागरूक किया जा सके।
उपायुक्त ने घरेलू आगजनी के मामलों से निपटने के लिए ग्रामीण विकास अभिकरण एवं जिला आपदा प्रबंधन को संयुक्त रूप से एक कार्यशाला का आयोजन करने के निर्देश दिए जिसमें पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, स्वैच्छिक संस्थाओं तथा आपदा मित्रों को प्रभावी रूप से आगजनी की स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है ।
कार्यकारी जिला राजस्व अधिकारी सुरभि नगी, द्वारा बैठक का संचालन किया गया। इस अवसर परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण अभिकरण प्रवीण भारद्वाज, डीएफओ हेड क्वार्टर शशि किरण, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण बीएस नेगी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।