प्रदेश में वित्तीय कुप्रबंधन का बोल बाला, केंद्र से आ रहा पैसे पर खर्च कहां उठ रहे सवाल : नंदा

प्रदेश में वित्तीय कुप्रबंधन का बोल बाला, केंद्र से आ रहा पैसे पर खर्च कहां उठ रहे सवाल : नंदा

अक्स न्यूज लाइन शिमला 29 सितम्बर : 

भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने बूथ संख्या 70 में पीएम नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सुना। उनके साथ इस अवसर पर मंडल सचिव एवं बेनमोर से पार्षद चुनाव लडे प्रत्याशी अनूप वैद उपस्थित रहें।
कर्ण नंदा ने इस अवसर पर कहा की मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत तीन अक्तूबर 2014 को हुई थी। इसे 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी प्रसारित किया जाता है, जिसमें फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली शामिल हैं। 'मन की बात' कार्यक्रम का प्रसारण आकाशवाणी के 500 से अधिक केंद्रों द्वारा किया जाता है। यह पीएम के जनता से संवाद का सबसे उत्कृष्ट माध्यम है।
उन्होंने कहा की 2 अक्तूबर को 'स्वच्छ भारत मिशन' के 10 साल पूरे हो रहे हैं। यह अवसर उन लोगों के अभिनंदन का है, जिन्होंने इसे भारतीय इतिहास का इतना बड़ा जन-आंदोलन बना दिया। ये महात्मा गांधी को भी सच्ची श्रद्धांजलि है, जो जीवनपर्यंत, इस उद्देश्य के लिए समर्पित रहे।

मीडिया प्रभारी नंदा ने कहा की हिमाचल प्रदेश में वित्तीय कुप्रबंधन का बोल बाला चल रहा है, पर केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश के लिए किसी भी प्रकार की कमी नहीं रखी है। हिमाचल प्रदेश को केंद्र से 14000 करोड़ के लगभग रही राशि है वर्ष आ रही है पर यह सरकार इस पैसे को खर्च कहां कर रही है यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है।

नंदा ने कहा की हिमाचल के 270 सीमांत गांवों के विकास को केंद्र से सौगात आई इसके लिए हम जनता और भाजपा से समस्त नेतृत्व की ओर से पीएम मोदी एवं केंद्र सरकार का धन्यवाद करते है। केंद्र सरकार के विभिन्न 18 मंत्रालयों की 25 योजनाओं में हिमाचल के जनजातीय क्षेत्रों को विकास के लिए पैसा मिलेगा। यहां पर मूलभूत सुविधाओं को जुटाने के लिए एक मास्टर प्लान पर काम किया जाएगा। देश के अन्य राज्यों के साथ हिमाचल प्रदेश को भी प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान योजना में शामिल किया गया है, जिसमें प्रदेश के 270 गांव शामिल किए गए हैं। प्रदेश में उन गांवों को चुना गया है, जहां पर जनजातीय लोगों की 500 से ज्यादा आबादी है। इसमें चंबा, किन्नौर और कांगड़ा जिला के गांव शामिल हैं, इसके लिए केंद्र सरकार 6700 करोड़ रुपए का बजट खर्च करेगी।