पंचायत समिति संगड़ाह की बैठक में विपक्ष का वाकआउट.... समिति अध्यक्ष के गैरजिम्मेदाराना रवैये पर जताया रोष।......
अक्स न्यूज लाइन ..नाहन, 10 अक्तूबर
सिरमौर जिला के पंचायत समिति संगड़ाह की बैठक में समिति अध्यक्ष तेजेंद्र कमल के नदारत पाए जाने पर विपक्ष ने वाकआउट कर दिया। भाजपा समर्थित निवर्तमान पंचायत समिति अध्यक्ष मेलाराम शर्मा के नेतृत्व में सभी विपक्षी पंचायत समिति सदस्यों और ग्राम पंचायत प्रधानों ने पंचायत समिति अध्यक्ष की अनुपस्थिति को गैर जिम्मेदाराना करार दिया। मेलाराम शर्मा ने बताया कि पंचायत समितियां लोकतंत्र कि वह मजबूत कड़ी है जिनके माध्यम से गांव-गांव में विकास कार्य संचालित किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि पंचायत समिति की बैठक का निर्धारण समिति के अध्यक्ष की पूर्व अनुमति से लगभग 6 महीने बाद किया गया है और यदि अध्यक्ष ही बिना सूचना दिए बैठक से नदारत हो जाए तो इससे पंचायत समिति की गरिमा को ठेस पहुंचना स्वाभाविक है।
पंचायत समिति बैठक कक्ष में पहुंचने के उपरांत मालूम पड़ा की पंचायत समिति अध्यक्ष बैठक में नहीं आ रहे हैं और साथ में सहायक आयुक्त एवं खंड विकास अधिकारी भी किसी जरूरी कार्य से उपायुक्त कार्यालय नाहन गए हैं । पूर्व अध्यक्ष ने बताया कि एक सप्ताह पहले समिति की बैठक के पत्र सभी पंचायत समिति सदस्यों और प्रधानों को भेजे गए थे और दो दिनों से स्वयं पंचायत समिति अध्यक्ष तेजेंद्र कमल व्हाट्सएप ग्रुप पर बैठक में हाजिर होने का आग्रह कर रहे थे परंतु समिति अध्यक्ष की इस गैर जिम्मेदाराना हरकत से दूरदराज और पिछड़े क्षेत्र की 44 पंचायतों से बैठक में भाग लेने आए पंचायत समिति सदस्यों और प्रधानों का बहुमूल्य समय बर्बाद किया गया है।
उन्होंने पंचायत समिति अध्यक्ष तेजेंद्र कमल की अनुपस्थिति को बचकाना हरकत बताया। उन्होंने कहा की पंचायत सचिवों तकनीकी सहायकों और कनिष्ठ अभियंताओं की हड़ताल से गांव-गांव में विकास कार्य पहले ही ठप्प हो गए हैं और इस तरह पंचायत समिति की बैठक से अध्यक्ष का अनुपस्थित होना दुर्भाग्यपूर्ण है ।
पंचायत समिति की बैठक से वाकआउट करने के उपरांत भाजपा समर्थित समिति सदस्यों और प्रधानों ने समिति कक्ष के बाहर अध्यक्ष के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की और कहा कि यह कैसा व्यवस्था परिवर्तन है जब समिति अध्यक्ष ही बैठक से गायब हो जाए।
उन्होंने कहा कि तेजेंद्र कमल को समिति अध्यक्ष के पद की उच्च गरिमा के अनुरूप व्यवहार करना चाहिए और उनकी इस बचकानी हरकत से निसंदेह ही इस संवैधानिक पद की गरिमा को भी ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा की लगभग 6 महीने के अंतराल के बाद हुई इस बैठक में अध्यक्ष के ना आने से सभी 44 पंचायत के विकास कार्य प्रभावित हुए हैं और पिछड़े क्षेत्र के लोग कभी भी समिति अध्यक्ष के इस गैरजिम्मेदाराना रवैये को माफ नहीं करेंगे।