अक्स न्यूज लाइन शिमला 28 सितंबर :
हिमाचल में अवैध मस्जिदों और अवैध प्रवासियों के खिलाफ आज सभी 12 जिलों में जिला मुख्यालयों पर एक साथ देवभूमि संघर्ष समिति ने धरने-प्रदर्शन किए। इनमें हजारों लोग शामिल हुए। शिमला में भी डीसी ऑफिस के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया गया। इसके बाद यहां से शेरे पंजाब तक एक शांतिपूर्ण रोष मार्च भी निकाला गया।
इस मौके पर देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक भरत भूषण ने कहा है कि प्रदेश में अवैध मस्जिदों और अवैध प्रवासियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। सरकार और प्रशासन का रवैया लगातार नाकारात्मक बना हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री खुद विधानसभा में यह बात कह चुके हैं कि प्रदेश में चार से पांच हजार बांग्लादेशी या रोहिंग्या घुसे हैं। पुलिस इनको ढूंढ नहीं रही, लेकिन इनके खिलाफ आवाज उठाने वालों को डराया जा रहा है।
भरत भूषण ने कहा कि पूरे प्लानिंग के साथ इस गंभीर मसले को राष्ट्रीय स्तर से दबाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी शिमला में आती हैं और यहां रात को गुपचुप तरीके से बैठक करतीं हैं। इसके बाद पीछे से दिल्ली से एक AIMIM नेता शोएब जमई सील बंद मस्जिद में मौलवी के साथ बैठकर कर अवैध ढांचे से वीडियो बनाकर इसे पूरे देश में वायरल कराता है। भड़काऊ वीडियो जारी करने वाले के खिलाफ स्थानीय लोगों ने शिकायत की है, लेकिन कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई। इसके विपरीत जायज बात रखने वाले तीन स्थानीय युवकों पर वीडियो जारी करने को लेकर केस दर्ज किया गया। यह प्रशासन और सरकार का दोहरा चरित्र उजागर कर रहा है।
*दिल्ली से नहीं देवाज्ञा से चलेगा हिमाचल*
भरत भूषण ने कहा कि सरकार से मंत्री विधानसभा में वेरिफिकेशन कराने और अवैध ढांचा गिराने की मांग करते हैं। मगर अवैध मस्जिद और अवैध प्रवासियों के विरोध में बयान देने वाले नेताओं और मंत्रियों को मंत्रियों को दिल्ली तलब कर उनके मुंह को बंद कराया जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि हिमाचल दिल्ली से नहीं बल्कि यह और यहां की देवाज्ञा से चलेगा। उन्होंने सद्भावना मार्च करने वालों को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब हिंदू समाज के लोगों पर अत्याचार होता है तो कहीं भी इस तरह के लोगों को आवाज नहीं उठती।
*5 अक्टूबर को फैसला नहीं आया तो उग्र होगा आंदोलन*
देवभूमि संघर्ष समिति ने संयोजक ने कहा कि पूरे प्रदेश के लोगों की नजरें 5 अक्टूबर को संजौली विवादास्पद मस्जिद के फैसले पर टिकी हैं। उन्होंने कहा कि इस दिन संघर्ष समिति के सदस्य और प्रदेश के लोग अपने घरों में भगवान हनुमान चालीसा पाठ करेंगे। शिमला के संकट मोचन मंदिर में भी पूजा अर्चना की जाएगी। इसके बाद अगर फैसला हिमाचल के लोगों के हक में आता है तो उसका स्वागत करेंगे। अगर इसका फैसला नहीं होता, तो इसको लेकर आंदोलन उग्र होगा, जिसके लिए सरकार और प्रशासन जिम्मेदार होंगे।
*राष्ट्रपति से लगाई ये गुहार*
देव भूमि संघर्ष समिति को ओर से सभी जिलों के डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजे गए हैं जिनमें देवभूमि में वक्फ बोर्ड द्वारा अवैध मस्जिद बनाने और अवैध प्रवासियों, बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या के खतरे से पैदा जनसांख्यिकी असंतुलन बारे से संबंधित चिंताओं का जिक्र किया गया है।
समिति ने कहा है कि हिमाचल में सरकारी भूमि पर कई अवैध मस्जिदें- मजारें बन रही हैं। इतना ही नहीं वक्फ बोर्ड रोजाना देवभूमि में कहीं भी सरकारी भूमि पर अपना कब्जा जताया जा रहा है, जिससे गरीब हिमाचली को अपनी भूमि के क्रय- विक्रय की भी समस्या हो रही है। यहां अवैध प्रवासी, बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। गुम्मा कोटखाई, अर्की, बल्ह में गत दिनों फर्जी आधार कार्ड वाले अवैध प्रवासी पकड़े गए हैं। प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी इसी प्रकार फर्जी आधार कार्ड वाले प्रवासी मिल रहे हैं। इन सभी गंभीर कारण हिमाचल प्रदेश का जनसांख्यिकी असंतुलन और यहां तक कि स्थानीय लोगों के रोजगार पर भी कब्जा हो गया है। यही नहीं अवैध प्रवासी लव -जिहाद कर यहां की युवतियों और महिलाओं को बहला-फुसलाकर भगा ले जा रहे हैं, जिससे देवभूमि हिमाचल की जनता उद्वेलित है।
समिति ने राष्ट्रपति से वक्फ बोर्ड को भंग करने और अवैध गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए प्रदेश सरकार को ठोस नीति बनाने के दिशा-निर्देश देने की गुहार लगाई है।