तीर्थन घाटी के समाजसेवी उपप्रधान महेन्द्र सिंह चौहान ने खोला शिक्षा का द्वार।

अक्स न्यूज लाइन तीर्थन घाटी गुशेनी बंजार(परस राम भारती):-
जिला कुल्लू के उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गुशैनी का भवन हाल ही में हुए भूस्खलन में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे यहाँ के विद्यार्थियों की पढ़ाई पर संकट छा गया था। लेकिन आपदा की इस घड़ी में ग्राम पंचायत कंडीधार के उपप्रधान महेंद्र सिंह चौहान ने आगे बढ़कर अपने निजी भवन को वैकल्पिक स्कूल भवन के रूप में निःशुलक उपलब्ध करवाया है ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो।
गत माह स्कुल प्रबंधन समिति की बैठकों में निर्णय लिया गया था कि जब तक नए भवन के लिए जगह का चयन और निर्माण नहीं होता है, बच्चों की पढ़ाई जारी रखने हेतु कोई वेकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। इसी संदर्भ में एसडीएम बंजार पंकज शर्मा ने मंगलवार को गुशेनी पहुँच कर बच्चों की पढ़ाई का जायजा लिया था। निरीक्षण के दौरान बाड़ीरोपा में बने आठ कमरों वाले दो मंजिला निजी भवन में अस्थाई तौर पर कक्षाएं शुरू करने पर सहमति बनी थी।
तीर्थन घाटी के केंद्र बिंदु गुशेनी में स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के 6वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थी अब गुशेनी से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर बाड़ीरोपा के एक निजी भवन में कल से नियमित रूप से पढ़ाई शुरू करेंगे। ग्राम पंचायत कंडीधार के उपप्रधान एवं समाजसेवी महेंद्र सिंह चौहान ने अपने निजी भवन को अस्थाई तौर पर विद्यालय के रूप में उपलब्ध करवाकर बच्चों की शिक्षा को नई दिशा दी है। एसडीएम बंजार पंकज शर्मा द्वारा गत दिनों भवन का निरिक्षण करने के पश्चात् अपनी रिपोर्ट सरकार को भेजी थी, जिस पर अब शिक्षा निदेशालय से अनुमति मिल चुकी है। इस दो मंजिला भवन में कुल आठ कमरे है और पर्याप्त खेल मैदान भी उपलब्ध है, जहाँ पर अब कल से गुशेनी स्कुल की कक्षाएं नियमित रूप से चलेगी।
राजकीय बरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य कर्म लाल शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि महेन्द्र सिंह चौहान ने बाड़ीरोपा नामक स्थान पर अपना निजी भवन नि:शुल्क विद्यालय उपयोग के लिए उपलब्ध करवाया है। शिक्षा निदेशालय शिमला की ओर से शिक्षा अधिकारी कुल्लू को इस संदर्भ में वर्तमान शैक्षणिक सत्र 31 मार्च 2026 तक के लिए अनुमति मिल गई है और आदेश प्राप्त हो चुके है। इन्होंने बताया कि इस आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि भवन मालिक से इस संबंध में एक शपथपत्र प्राप्त किया जाएगा। साथ ही विभाग को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि अगले शैक्षणिक सत्र 2026-27 से विद्यालय की कक्षाएँ चलाने के लिए सरकारी या अन्य उपयुक्त निःशुल्क भवन की तलाश जारी रखी जाए।
गौरतलब है कि जून से सितंबर माह तक हुई भारी बारिश और भूसखलन के कारण गुशेनी विद्यालय का एक भवन पूरी तरह से ढह गया था जबकि एक अन्य भवन को भी खतरा बना हुआ है, जिससे यहाँ पर करीब 550 बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई थी। इस कठिन परिस्थिति में महेन्द्र सिंह चौहान ने आगे बढ़कर समाज सेवा की मिसाल पेश की और अपने निजी भवन को मार्च 2026 तक नि:शुल्क विद्यालय भवन के रूप में सेवा भाव से देने का निर्णय लिया। इस निर्णय से आपदा प्रभावित क्षेत्र के विद्यार्थियों की पढ़ाई में आई रुकावट अब समाप्त होगी, जिससे बच्चों, अध्यापकों और अभिभावकों ने राहत की सांस ली है।
चौहान परिवार के इस कदम से न केवल शिक्षा की ज्योति पुनः प्रज्वलित हुई है, बल्कि समाज के प्रति उनके गहरे समर्पण और सेवा भावना का परिचय भी मिला है। इस नेक पहल के लिए क्षेत्र के लोग और अभिभावक उपप्रधान चौहान के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं। वहीं एसडीएम बंजार पंकज शर्मा ने भी विद्यालय संचालन की अनुमति देकर विद्यार्थियों की सुविधा सुनिश्चित की है, इसके लिए स्थानीय लोगों ने इनका भी आभार प्रकट किया है।