उपमंडल स्तर भी विकास कार्यों की समीक्षा को आयोजित होंगी बैठकें: डीसी
उन्होंने कहा कि तकसीम, इन्तकाल, निशानदेही जैसे अनेक राजस्व संबंधी कार्यों के लिए लोगों को प्रतिदिन राजस्व अधिकारियों से मिलना पड़ता है। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आम आदमी को राजस्व सम्बन्धित मामलों में जल्द राहत प्रदान करने के प्रयास किए जाएं।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को भूमि से सम्बन्धित विषयों को सप्ताहवार एवं दैनिक आधार पर निपटाने करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके साथ ही विकास खंड अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि पंचायतों में विकास कार्यों का निरीक्षण भी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए खंड विकास अधिकारी की भूमिका अहम होती है। उन्होंने सभी खंड विकास अधिकारियों को विकास के तय लक्ष्यों को समय पर पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने पंचायतों में विकास कार्यों के लिए आवंटित धनराशि का सदुपयोग करने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि प्लास्टिक वेस्ट के सही प्रबंधन से कूड़ा निष्पादन से संबंधित अत्याधिक समस्याओं का समाधान हो सकता है। इसलिए प्लास्टिक वेस्ट के प्रबंधन को लेकर आज ग्रामीण स्तर से ही कार्य करने की जरूरत है। गांवों में भूमि तलाश कर प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन युनिट का निर्माण सुनिश्चित करें।
उपायुक्त ने कहा कि प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन युनिट को लेकर सभी अधिकारी गंभीर प्रयास करें और आने वाले महिनों में यह इकाइयां धरातल पर दिखनी चाहिए। उपायुक्त ने गत वर्ष आपदा से प्रभावित गांवों परमार नगर, घराणा बच्छुबाई में लोगों के भी मिले। इसके साथ ही थुरल प्राइमरी स्कूल का निरीक्षण किया तथा बच्चों के साथ भी संवाद स्थापित किया। इस अवसर पर एसडीएम सलीम आजम तथा बीडीओ सिकंदर सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे।