एन.डी.एम.ए. के विशेषज्ञों के साथ जिला कांगड़ा में आयोजित हुई पी.डी.एन.ए. की बैठक
बैठक के दौरान विभिन्न विभागाध्यक्षों ने वर्ष 2025 के मानसून के दौरान हुए नुकसानों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। एडीएम शिल्पी बेक्टा ने बताया कि मानसून के दौरान जिला में विभिन्न स्थानों पर प्राकृतिक आपदा के कारण 773 लोगों को विभिन्न स्थानों से सुरक्षित निकाला गया तथा 28 मानव जीवनों एवं 544 पशुओं की हानि दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक आपदा के कारण 1,857 से अधिक मकानों व गौशालाओं को आंशिक या पूर्ण क्षति हुई है। इसके अलावा अनुसार सड़कों को हुए नुकसान की अनुमानित लागत 350 करोड़ से अधिक आँकी गई है जबकि जल शक्ति विभाग द्वारा रिपोर्ट की गई कुल क्षति 261 करोड़ रुपये से अधिक रही है। उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र में लगभग 863 हेक्टेयर फसलें प्रभावित हुईं, जिससे 316 लाख रुपये से अधिक की क्षति का अनुमान है इसके अलावा बागवानी, शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों द्वारा क्रमशः 207 लाख रुपये, 716 लाख रुपये और 591 लाख रुपये की क्षति दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-503 पर हुए नुकसान का अनुमान लगभग 15 रुपये करोड़ आंका गया है।
शिल्पी बेकटा ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए कि वे वर्ष 2025 की आपदा से संबंधित सभी अद्यतन आँकड़े निर्धारित पोर्टल पर शीघ्र अपलोड करें, ताकि एक समग्र व सटीक रिपोर्ट राज्य व केंद्र सरकार को प्रस्तुत की जा सके। उन्होंने कहा कि पीडीएनए का उद्देश्य आपदा के प्रभावों का वास्तविक मूल्यांकन कर भविष्य की आपदा प्रबंधन योजनाओं को और प्रभावी बनाना है। इस अवसर पर पीडीएन के विशेषज्ञों ने जिला प्रशासन और विभिन्न विभागों के अधिकारियों से आपदा के दौरान हुए नुकसान बारे विस्तृत चर्चा की। इससे पूर्व सेक्टोरल एक्सपर्ट्स ने जिला के विभिन्न प्रभावित दौरा कर आपदा से हुए वास्तविक नुकसान का आकलन किया। इस दौरान उपायुक्त कांगड़ा ने भी सेक्टोरल एक्सपर्टस, आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ अमित टंडन, एनआईडीएम आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ मंजीत सिंह, पूर्व एनएचएआई आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ विनय कुमार, आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ एचपीएसडीएमए नितिन शर्मा से मौनसून सीजन के दौरान जिला कांगड़ा में विभिन्न स्थानों पर हुए नुकसान बारे चर्चा की। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।





