जनता को फैसिलिटेट करने के बजाय विधायकों को फैसिलिटेट करने में लगे सीएम, सरकार नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने साधा निशाना
अक़्स न्यूज लाइन,शिमला --04 मार्च
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि 15 महीनें में प्रदेश के लोगों के लिए कुछ भी नहीं कर पाई है। विकास का एक भी काम वर्तमान सरकार के कार्यकाल में नहीं हो पाया है। पिछली सरकार द्वारा किए गए विकास के कामों पर ब्रेक अलग लगा दी गई है। आज तक ऐसी ‘नॉन परफार्मिंग’ सरकार किसी ने भी नहीं देखी। सरकार का काम होता है विकास के काम करना। जनहित के फ़ैसले लेना। जनता को सुविधाएं देने वाले संस्थान खोलना और जनहितकारी योजनाएं बनाकर उसे लागू करना। लेकिन वर्तमान सरकार इन सभी मामलों में फिसड्डी साबित हुई है। सरकार सभी काम जन अपेक्षा के विपरीत कर रही है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार का काम होता है कि सरकार चुनाव के समय अपनी पार्टी के द्वारा जनता से किए वादे पूरे करने का काम करती है। लेकिन मुख्यमंत्री और कैबिनेट के नेताओं को यह भी याद नहीं है कि चुनाव के समय वे और उनकी पार्टी ने प्रदेश के लोगों से क्या-क्या वादा किए है, उन्हें ठगने के लिए क्या-क्या सब्ज़बाग़ दिखाए हैं। अब तो विधान सभा के अंदर ही सरकार के नुमाइंदे मुकर रहे हैं कि उन्होंने ऐसा कुछ कहा ही नहीं। जयराम ठाकुर ने कहा कि अगर सरकार के लोगों को जब याद ही नहीं है तो वह अपने वादे पूरे कैसे करेंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले से तय किया था कि चुनाव जीतने के लिए प्रदेश के लोगों से सिर्फ़ झूठ बोलना था। यही कारण है कि आज जनता के बीच रहने वाले कांग्रेसी विधायकों को जनता के बीच जाना मुश्किल हो रहा है। जनता के सवालों के जवाब देना और उनसे नज़रें बचाना मुश्किल हो रहा है। यही कारण है कि कांग्रेस के कई क़द्दावर नेता और मंत्री अपनी सरकार को ही आँख दिखा रहे हैं क्योंकि जनता उनका रास्ता रोक कर गारंटियों की याद दिला रही है। लेकिन सरकार है कि जनता को ‘फैसिलिटेट’ करने के बजाय विधायकों को ‘फ़ैसिलिटेट’ करने पर ध्यान दे रही है। ऐसे में आम आदमी का क्या दोष है यह जनता जानना चाहती है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह सरकार भविष्य में अपनी नाकामियों और वित्तीय कुप्रबंधन के लिए जानी जाएगी। जो क़र्ज़ हर महीनें लेती है लेकिन जनहित के कामों कोसों दूर है। वर्तमान सुक्खू नीत कांग्रेस सरकार को प्रदेश लोग एक झूठी, जनविरोधी, विकास विरोधी, प्रदेश को आगे बजाय पीछे ले जाने वाली और नाकाम सरकार के रूप में याद करेंगे जिसने लोकप्रियता के बजाय ‘लॉकप्रियता’ का ख़िताब हासिल था।