गिरिपार कोजनजातीय क्षेत्र घोषित करने के मामले में उठे विरोध के सुर गुज्जर समाज के लोग सड़कों पर उतरे, रोष रैली आयोजित
गुज्जर समाज के लोग सड़कों पर उतरे, रोष रैली आयोजित
समुदाय को आरक्षण से छेड़छाड़ मंजूर नही
नाहन, 21 सितंबर : गुज्जर समुदाय के लोगों ने बुद्धवार को कालाअंब में रोष रैली में सेंकड़ों की तादाद में लोग लोगों शिरकत की। इस मौके पर गुज्जर समुदाय नेताओं आरोप लगाया कि है कि गिरिपार को जनजातीय क्षेत्र घोषित कर उनके आरक्षण रोस्टर के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। गुज्जर समाज कल्याण परिषद के अध्यक्ष हंसराज भाटिया ने कहा कि गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने से उनको मिलने वाले साढ़े 7 प्रतिशत आरक्षण पर सीधा असर पड़ेगा क्योंकि इस क्षेत्र के शमिल होने से सीधे तौर पर करीब डेढ़ लाख लोगों की आबादी बढ़ जाएंगी। उन्होंने बताया कि गुज्जर समुदाय के लोग कम शिक्षित है। जिस क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित किया जा रहा है वहां साक्षरता दर अच्छी है जिससे गुज्जर समुदाय के लोगो को आरक्षण का कोई लाभ नही मिल पाएगा ।
उन्होंने कहा कि तृतीय व चतुर्थ क्षेणी में समुदाय के लोगो को मिलने वाले 5 प्रतिशत कोटे को भी बरकरार रखा जाए।
इस मौके युवा गुज्जर कल्याण परिषद के अध्यक्ष किंशुक गुज्जर ने बताया कि जनजातीय क्षेत्र के लिए घोषित 7.5 प्रतिशत कोटे में से सिर्फ 5 प्रतिशत कोटा गुज्जर समुदाय को दिया जा रहा है और अब गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित कर उनके आरक्षण रोस्टर के साथ छेडख़ानी की जा रही है जो सही नही है। उन्होंने बताया की गुज्जर समुदाय की साक्षरता दर मात्र 59 प्रतिशत है जबकि गिरिपार क्षेत्र की साक्षरता दर 80 प्रतिशत है ऐसे में गुज्जर समुदाय का युवा अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार से मांग करते हुए कहा कि शेड्यूल ट्राइब में 5 प्रतिशत क ोटा गुज्जरों के लिए निर्धारित किया जाए। सम्मेलन में गुज्जर समुदाय की महिलाओं ने बताया कि सरकार से वह अपने अधिकारों को सुरक्षित रखने की मांग कर रहे हैं की गिरीपार को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने से उन्हें सीधा नुकसान होंगा ऐसे में वह सरकार तक अपनी बात पहुंचाना चाहते है।