₹145 करोड़ की सिंचाई परियोजनाएँ हिमाचल को मोदी जी का उपहार:अनुराग ठाकुर
अक़्स न्यूज लाइन, नई दिल्ली --27 दिसंबर
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर नई दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मिले। श्री अनुराग ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश की सिंचाई संबंधी 14 लघु सिंचाई परियोजनाओं और राष्ट्रीय हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट हेतु क्रमशः 141.76 करोड़ रुपए और 221.78 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी व श्री गजेन्द्र शेखावत का आभार व्यक्त किया।
श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने इसे हिमाचल प्रदेश के कृषक वर्ग के लिए वरदान बताते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का आभार जताया और कहा कि “आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने सदा ही हिमाचल को अपना दूसरा घर माना है, और देवभूमि के हितों की चिंता की है और सौग़ातें देने में कभी कोई कमी नहीं रखी। यही कारण है कि देवभूमि के जन-जन के मन में मोदी जी विराजमान हैं।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत जी ने हिमाचल प्रदेश के 14 लघु सिंचाई परियोजनाओं और राष्ट्रीय हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट हेतु क्रमशः ₹141.76 करोड़ और ₹221.78 लाख की स्वीकृति (वित्त वर्ष 2023-24) दी है। हिमाचल प्रदेश के कृषक वर्ग की आशाओं व आकांक्षाओं की अनवरत पूर्ति करने के लिए मैं आदरणीय प्रधानमंत्री जी नरेंद्र मोदी जी का व केंद्रीय जलशक्ति मंत्री जी सहृदय आभार व्यक्त करता हूँ”
आगे बोलते हुए श्री अनुराग ठाकुर ने कहा “देवभूमि हिमाचल के जन- जन, विशेषकर कृषक वर्ग की आशाओं व आकांक्षाओं की पूर्ति करने हेतु आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का मैं हृदय तल से आभारी हूँ कि हमारी माँगों को बिना विलंब के पूरा किया जा रहा है। सिंचाई परियोजनाओं व बाढ़ मैनेजमेंट के भाजपा सरकार के तौर तरीक़ों का काम बोलता है। इस बार के बाढ़ में भी भाजपा राज में हुए 'स्वां चैनलाइजेशन' से बड़ा खतरा टला है। स्वां नदी को कभी 'रिवर ऑफ सॉरो' कहा जाता था।
यहां बाढ़ के कारण करोड़ों रुपए का नुकसान होता था। 1988 में कई पुल बह गए थे। नदी बारिश और बाढ़ आने पर दोनों ओर कई किलोमीटर तक फैली जाती थी। मगर इस बार पुल ठीक है। इस चैनलाइजेसन के कारण जान- माल की भी बचत हुई और जमीनों के दाम भी बढ़े।केंद्र सरकार ने हिमाचल के हितों की रक्षा के लिये पहले भी कोई कमी नहीं आने दी थी, आगे भी नहीं आने देगी”