‘बच्चे के जीवन के पहले 1000 दिन होते हैं सबसे महत्वपूर्ण’

‘बच्चे के जीवन के पहले 1000 दिन होते हैं सबसे महत्वपूर्ण’

हमीरपुर, 16 फरवरी (अक्स न्यूज  लाइन):-
 बाल विकास परियोजना सुजानपुर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में पोषण, बाल विकास, न्यूट्रिशन और स्मार्ट एग्रीकल्चर इत्यादि विषयों पर जनसंवाद के द्वितीय दौर के कार्यक्रमों की कड़ी में वीरवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चौरी में युवा छात्र संवाद और ग्राम पंचायत बनाल, डेरा तथा रंगड़ में सशक्त महिला योजना एवं ‘वो दिन’ योजना के अंतर्गत पंचायत स्तरीय जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किए गए।
   इन कार्यक्रमों के दौरान विद्यार्थियों और महिलाओं का मार्गदर्शन करते हुए बाल विकास परियोजना अधिकारी कुलदीप सिंह चौहान ने कहा कि गर्भाधारण से लेकर बच्चे के जीवन के प्रथम 2 वर्षों की अवधि के दौरान विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। बच्चे के जीवन का पहले 1000 दिन का यह कालखंड अत्यंत संवेदनशील और महत्वपूर्ण समय होता है। इसी अवधि में जीवन के संपूर्ण स्वास्थ्य और विकास की आधारशिला तैयार होती है। यह समय उच्च स्तरीय पोषण एवं स्वास्थ्य, स्वच्छता, सुरक्षा और प्रेरणा से परिपूर्ण उच्चतम देखभाल की मांग करता है।
  उन्होंने कहा कि पोषक तत्व युक्त भोजन, उपयुक्त मातृ-शिशु देखभाल, पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं, सुरक्षित एवं स्वच्छ पेयजल और स्वच्छ वातावरण से ही बच्चे की सही परवरिश संभव हो सकती है तथा वह भविष्य में आदर्श नागरिक बन सकता है। इस संबंध में आम लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से ही जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
  कुलदीप सिंह चौहान ने बताया कि सुजानपुर खंड में स्थानीय समुदाय और विभिन्न विभागों के संयुक्त प्रयास से आयोजित इन कार्यक्रमों के द्वितीय चरण में पोषण प्रबंधन, बाल विकास, न्यूट्रीशन स्मार्ट एग्रीकल्चर, फूड फोर्टिफिकेशन, सामुदायिक स्वच्छता और जल प्रबंधन विषयों पर महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पंचायतीराज, ग्रामीण विकास, कृषि और बागवानी विभागों के अधिकारी आम लोगों को जागरुक कर रहे हैं। इन कार्यक्रमों में पंचायत स्तर पर सभी प्रकार के कुपोषण की जांच, उसके उपचारात्मक उपायों व पोषण उत्सवों के आयोजन के माध्यम से सामाजिक व्यवहार परिवर्तन की नींव रखने का सार्थक प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इन संवाद कार्यक्रमों से जनित संचार, समन्वय, सहभागिता, सहयोग और सहकारिता की भावना सामाजिक और आर्थिक संपन्नता के नए मार्ग प्रशस्त करेगी।
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