हिमाचल सरकार ने बंद किए 292 कार्यालय, 180 स्वास्थ्य और 111 राजस्व ऑफिस डिनोटिफाई

हिमाचल सरकार ने बंद किए 292 कार्यालय, 180 स्वास्थ्य और 111 राजस्व ऑफिस डिनोटिफाई

हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के एक्शन मोड में आने से प्रदेश में हड़कंप मच गया है। प्रदेश सरकार ने आज लगभग 291 हेल्थ इंस्टीट्यूट ( पीएचसी, सीएचसी और  अपग्रेडिड अस्पताल) , 3 तहसील ऑफिस, 20 सब तहसील, 9 कानूनगो सर्किल, 79 पटवार सर्किल और एक फॉरेस्ट डिवीजन को भी डिनोटिफाई कर कर दिया है। इसे लेकर राजस्व, वन और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव द्वारा आदेश जारी कर दिए गए है। 
इन्हें बंद करने के पीछे राजनीतिक लाभ लेने की मंशा और बजट का प्रावधान नहीं करने का तर्क दिया जा रहा है। सुक्खू सरकार के सख्त निर्णय के बाद सत्तापक्ष और विपक्ष में टकराव बढ़ता जा रहा है। BJP पहले ही सरकार के इस निर्णय को अदालत में चुनौती देने की चेतावनी दे चुकी है। सुक्खू सरकार ने 3 तहसील दफ्तर को डिनोटिफाई कर दिया है। इनमें लाहौल स्पीति का उदयपुर, बिलासपुर का भराड़ी और सोलन की कृष्णागढ़ तहसील शामिल है। 
जबकि राजस्व विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार प्रदेश में 9 कानूनगो सर्किल दफ्तर बंद किए गए हैं। इनमें बनेहरडी, रायपुर, कजौण, राजपुर तथा भाटांवली, केलोधार, बस्सी, भजौन तथा सतौन, मझोठी और भाम्बला शामिल किया है। सुक्खू सरकार ने हरलोग, कालाअंब जालग, चचियां, जाहलमां, राजपुर खोडोंवाला, धमावड़ी, समरकोट, थेली चक्की, साहो, ज्यूरी, दौलतपुर चौक, बड़ागांव, बल्देयां, कोटी, तलाई, सुबाथू, मतियाना, सतौन और अशला सब तहसील दफ्तर को डिनोटिफाई कर दिया है।
राजस्व विभाग ने 26 अगस्त 2022 की अधिसूचना के अनुसार बनाए गए सेटलमेंट डिवीजन मंडी को भी डिनोटिफाई कर दिया है। इसी के साथ शिमला और कांगड़ा के पूर्व में चल रहे सेटलमेंट ऑफिस की जूरिडिक्शन को यथावत रखा है। वन विभाग ने 22 सितंबर 2022 की अधिसूचना के अनुसार नए बनाए गए फॉरेस्ट डिवीजन ( वाइल्ड लाइफ ) जंजैहली को भी डिनोटिफाई किया है। इसी तरह 42 पटवार सर्किल दफ्तर भी डिनोटिफाई किए गए। 
स्वास्थ्य विभाग ने नए खोले गए संस्थानों पर ताला जड़ने और अपग्रेडिड चिकित्सा संस्थानों का दर्जा वापस लेने का निर्णय लिया है।इनके स्टाफ के समायोजन को लेकर जल्द अलग से आदेश जारी किए जाएंगे। इन दफ्तरों को बंद करने के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि पूर्व सरकार ने बजट और स्टाफ का प्रावधान किए बगैर ही इन्हें खोल दिया था। 
गौर हो कि 12 दिसंबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने सचिवालय में विधायक दल की बैठक बुलाई। इसमें पूर्व भाजपा कैबिनेट द्वारा अप्रैल 2022 के बाद लिए गए सभी निर्णय की समीक्षा करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री के निर्देशों पर 12 दिसंबर को ही अप्रैल 2022 के बाद खोले गए संस्थानों की विस्तृत जानकारी मांगी गई और अब इन्हें बंद करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। 
राजस्व विभाग की अधिसूचना के अनुसार अप्रैल 2022 के बाद खोले गए लगभग 79 पटवार सर्किल दफ्तर भी बंद किए गए हैं। इनमें ठियोग में सतोग, कुल्लू में किंजा व चनसारी, कांगड़ा में धनेटी-गरलां व अनोह, सिहोटू, मंडी में तांदी, ऊना में क्यारियां, ध्वाल, वदोली-त्यूडी, सिरमौर में पलिओ, आम्बवाला, देवनी, नागल सुकेती, कांगड़ा में नंगल, मंडी में मुरहाग, कांगड़ा में पक्का, टियाला, औंद पटवार सर्किल दफ्तर शामिल हैं। सिरमौर में देवीनगर, गोंदपुर में, छछेती, पातलियों, बाएकुआं, शमशेरपुर, मानपुर देवड़ा, खोदरी, मोहकमपुर नवादा, बनौर, डांडा, मंडी में किगस, भमसोई व ओडीधार, ऊना में गुगलैहड़, प्रोइयां कलां, बलह, कांगड़ा में सोधला (भटोली), जांगल (सिहूणी), बिलासपुर में शिकरोहा, किन्नौर में स्पीलो, ऊना में बीटन, सपीरी, बेहड जसवां, सिरमौर में सैल, ऊना में ललड़ी, कागंड़ा में थपकौर, कमनाला, बिलासपुर में सलोआ, टरवाड़ और तंबौल दफ्तर पर ताला जड़ा गया।
हमीरपुर में हथोल, चयालु, सोलन में मंडेसर, ढकरियाणा, बिलासपुर में में मलराओं, कांगड़ा में चौगान, सोलन में परवाणू (शहरी), मंडी में छपराहन, हमीरपुर में घंगोट, मंडी में कोटला-खनूला, खारसी, झरेड़, सिरमौर में संखौली स्थित ढांग रुहाणा, चांदनी, पोका, कुनेर धमौण, कांटी मश्वा, बल्दुआ बोहल, शावग स्थित जुईनल माटला, कुल्लू में कराडसू, धाठू, मंडी में मतेहल, सनारली, मनोला, कांडी-3, भनेरा, नंवीधार (बाग), कुठेहड़, मंडी में चौकी, लाहौल स्पीति में मरिंग और शिमला में सतलाई पटवार सर्किल दफ्तर को बंद किया गया।