हरियाणा-पंजाब से वाटर सेस वसूला तो...... हिमाचल को नहीं मिलेगी सेंट्रल ग्रांट, केंद्र सरकार ने दी चेतावनी
अक्स न्यूज लाइन -- चण्डीगढ़ , 23 अप्रैल 2023
हरियाणा-पंजाब से अब हिमाचल प्रदेश वाटर सेस नहीं ले सकेगा। केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के वाटर सेस के फैसले पर रोक लगा दी है। केंद्र की ओर से लेटर जारी कर हिमाचल प्रदेश को वॉर्निंग दी गई है कि यदि वह ऐसा करता है तो केंद्र की ओर से दी जाने वाली सभी ग्रांट पर रोक लगा दी जाएगी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रधान सचिव वी उमाशंकर ने केंद्र के इस फैसले की पुष्टि की है।
केंद्र द्वारा हिमाचल प्रदेश को भेजी गई चिट्ठी में लिखा है कि आप किसी अंतरराज्यीय समझौते का उल्लंघन नहीं कर सकते। साथ ही किसी प्रकार का वाटर सेस नहीं लगा सकते हैं, यदि राज्य के द्वारा ऐसा किया जाता है तो केंद्र द्वारा दी जाने वाली सभी प्रकार की ग्रांट को केंद्र सरकार रोक देगी। हालांकि केंद्र की चिट्ठी को लेकर अभी तक हिमाचल प्रदेश की ओर से कोई भी बयान जारी नहीं किया गया है।
आर्थिक तंगी से जूझ रही हिमाचल प्रदेश की सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए पनबिजली उत्पादन पर वाटर सेस लागू किया है। पड़ोसी राज्य उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर राजस्व जुटाने के लिए प्रदेश सरकार ने बिजली उत्पादन पर पानी का सेस लगाने का फैसला लिया है। प्रदेश में छोटी-बड़ी करीब 175 पनबिजली परियोजनाओं पर वाटर सेस से सरकार के खजाने में हर साल करीब 700 करोड़ रुपए जमा होंगे।
हिमाचल प्रदेश के इस वाटर सेस का पंजाब-हरियाणा दोनों राज्य विरोध कर चुके हैं। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री विधानसभा में बजट सत्र के दौरान इसके विरोध में प्रस्ताव भी लगा चुके हैं। सीएम मनोहर लाल ने इसको लेकर केंद्र सरकार से भी बात की है। साथ ही इस पूरे मामले में हस्तक्षेप करने के लिए केंद्रीय मंत्री से मुलाकात भी की थी।
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने भी केंद्र के सामने अपना विरोध जताया था। केंद्र के फैसले के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से रविवार को मुलाकात करेंगे। मुलाकात कितने बजे और कहां होगी इसका समय निर्धारित नहीं किया गया है। हालांकि इन दोनों मुख्यमंत्रियों की मुलाकात के बाद ही इस पूरे मामले से पर्दा उठ सकेगा।