अनुसूचित जाति के युवाओं को मिलेंगे स्वरोजगार के अवसर

जिला प्रबंधक कमल जीत सिंह ने बताया कि निगम की हिम स्वावलम्बन योजना के तहत तीन से पांच लाख रुपये तक की लागत वाली परियोजनाओं के लिए ऋण उपलब्ध है। इस योजना में अनुसूचित जाति के युवाओं को आठ प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के सहयोग से ऋण प्रदान किया जाता है। परियोजना लागत का दस प्रतिशत अधिकतम पचास हजार रुपये तक पूंजी अनुदान के रूप में तथा अस्सी प्रतिशत राशि ऋण स्वरूप दी जाती है, जबकि शेष दस प्रतिशत भाग आवेदक को स्वयं वहन करना होता है।
उन्होंने कहा कि निगम की माइक्रो क्रेडिट फाइनेंस योजना के अंतर्गत एक लाख चालीस हजार रुपये तक की लागत वाली परियोजनाओं के लिए भी ऋण उपलब्ध है। इसमें एक लाख पच्चीस हजार रुपये तक की राशि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम सावधि ऋण स्वरूप उपलब्ध कराता है, जबकि पंद्रह हजार रुपये की राशि आवेदक को स्वयं लगानी होती है। इस योजना में ऋण पर साढ़े छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर निर्धारित है।
उन्होंने बताया कि योजनाओं का लाभ उन्हीं युवाओं को दिया जा रहा है जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय तीन लाख रुपये से अधिक न हो, जो हिमाचल प्रदेश के स्थायी निवासी हों और अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित हों। साथ ही आवेदक किसी बैंक या अन्य ऋणदाता संस्था का ऋण दोषी नहीं होना चाहिए।
उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी के लिए इच्छुक अभ्यर्थी जिला प्रबंधक, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निगम, मंडी के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। दूरभाष नंबर 01905-222127 तथा मोबाइल नंबर 85808-66969 पर जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके अतिरिक्त क्षेत्रीय सहायक मंडी से मोबाइल नंबर 89883-11315 पर भी संपर्क किया जा सकता है। ईमेल आईडी [email protected]
पर भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।