भाजपा संगठन महामंत्री ने सेवा पखवाड़ा एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम में भाग किया

भाजपा संगठन महामंत्री ने सेवा पखवाड़ा एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम में भाग किया

अक्स न्यूज लाइन कुल्लू 23 सितंबर : 

 भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन ने कुल्लू जिला प्रवास के दौरान मनाली विधानसभा के बूथ संख्या 75 पर कार्यकर्ताओं के साथ पौधारोपण किया। उन्होंने इस कार्यक्रम के दौरान कहा कि पर्यावरण संरक्षण व हरित भविष्य की दिशा में यह छोटा सा कदम आने वाली पीढ़ियों के लिए बड़ा संकल्प है।इस कार्यक्रम का आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस के अंतर्गत चल रहे सेवा पखवाड़ा एक पेड़ मां के नाम के अंतर्गत आयोजित किया गया। जिसमें जिला अध्यक्ष अमित सूद, प्रदेश प्रवक्ता अखिलेश कपूर एवं सुरेश विशेष रूप उपस्थित रहे।

प्रदेश मीडिया संयोजक कर्ण नंदा ने ने कहा कि संगठन की शक्ति वहीं खिलती है, जहां कार्यकर्ता तपस्वी बनकर खड़े होते हैं। यही दर्शन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीवन यात्रा और उनके सामाजिक-संगठनिक दृष्टिकोण का मूल मंत्र रहा है। नरेंद्र मोदी ने हमेशा कार्यकर्ताओं को संगठन का हृदय माना और उन्हें तैयार करना, प्रशिक्षित करना और सशक्त बनाना अपने प्राथमिक कार्यों में रखा। उनका मानना था कि संगठन केवल ढांचा नहीं है, बल्कि उस ढांचे में कार्यकर्ताओं की क्षमता, अनुशासन और समर्पण ही असली ताकत हैं। नरेंद्र मोदी आरएसएस के प्रचारक बने 1970 के शुरुआती दौर में। 1977 में आपातकाल के बाद, जब वे विभाग प्रचारक के रूप में एक कुशल संगठनकर्ता बनकर उभरे, तब उनकी कार्यशैली का मुख्य आधार कार्यकर्ता निर्माण रहा। 1980 के दशक में गुजरात में संगठन का विस्तार बहुत सीमित था। उस समय किसी एक तालुका में शाखा स्थापित करना भी बड़ी उपलब्धि मानी जाती थी। लेकिन युवा नरेंद्र मोदी की दृष्टि अलग थी।

उनका मानना था हर गांव में शाखा होनी चाहिए। इसके लिए वह हर शाखा की जिम्मेदारी एक कार्यकर्ता को देते और समय-समय पर उसकी प्रगति की जानकारी लेते। कौन मुख्य शिक्षक है, क्या गतिविधियां हुईं, कौन शाखा में अनुपस्थित रहा और क्यों-इन सब विवरणों पर बारीकी से ध्यान रखा जाता। संघ के 60 वर्ष पूरे होने पर 1985 में कर्णावती (अहमदाबाद) में विशाल शिविर का आयोजन हुआ। शिविर में लगभग 5000 कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही। शिविर की पूर्व तैयारी में मोदी गांव-गांव जाकर युवाओं से संपर्क करते और उन्हें गणवेश खरीदने हेतु प्रेरित करते। परिणामस्वरूप, सैकड़ों नए युवा न केवल शिविर में पहुंचे बल्कि संगठन से स्थायी रूप से जुड़ भी गए। इसने गुजरात संघ में एक नई ऊर्जा डालने का काम किया और बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के निर्माण की भी शुरुआत हुई। मोदी कार्यकर्ताओं को योजनाबद्ध और व्यवस्थित रूप से काम करना सिखाते थे।