आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा 19वां सांख्यिकी दिवस मनाया गया

देशभर में मनाए जाने वाले इस दिवस को इस वर्ष ‘राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एनएसएस) के 75 वर्ष’ थीम को समर्पित किया गया। 1950 में अपनी स्थापना के बाद से देश के डाटा ढांचे में एनएसएस का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सचिव वित्त, आर्थिक एवं सांख्यिकी डॉ. अभिषेक जैन ने पारदर्शिता, उत्तरदायी प्रशासन और सूचित निर्णय लेने की दिशा में डेटा प्रणाली को सशक्त बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने समावेशी विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए राज्य और जिला स्तर पर सांख्यिकीय क्षमताओं के सुदृढ़ीकरण की आवश्यकता पर भी बल दिया।
उन्होंने कहा कि डेटा-आधारित निर्णय, सतत विकास की आधारशिला हैं। हमें डेटा-आधारित दृष्टिकोण को अपनाकर लोगों के कल्याण के लिए सदैव प्रयासरत रहना चाहिए। हम कड़ी मेहनत से आंकड़ों को प्रगति और समृद्धि में बदल सकते हैं।”
विभाग की एक विशेष प्रस्तुति में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की 75 वर्षों की यात्रा को दर्शाया गया, जिसमें रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, उपभोग और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में विश्वसनीय सांख्यिकी तैयार करने में इसके योगदान को इंगित किया गया।
आर्थिक सलाहकार डॉ. विनोद राणा ने नीति निर्माण, निगरानी और मूल्यांकन में सांख्यिकीय प्रणालियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर राज्य स्तरीय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसका उद्देश्य युवाओं में सांख्यिकी के प्रति रुचि और उत्साह को बढ़ावा देना था। इस प्रतियोगिता में प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। विजेताओं को पुरस्कार और प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर अजय सूद, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के अधिकारी तथा शिमला के विभिन्न महाविद्यालयों के विद्यार्थी उपस्थित थे।