गांधी परिवार का मॉडल हिमाचल में लागू ना करे सीएम सुक्खू- सन्नी शुक्ला

गांधी परिवार का मॉडल हिमाचल में लागू ना करे सीएम सुक्खू- सन्नी शुक्ला

अक्स न्यूज लाइन शिमला 14 अक्टूबर : 

कम वेतन में काम करवाने की सुक्खू सरकार की नई स्कीम ‘ट्रेनी पॉलिसी’ से प्रदेश के युवाओं में चिंता का माहौल बन गया है। 58 साल वाली पक्की नौकरी की गारंटी देकर सत्ता में आई कांग्रेस ने बेरोजगारों के साथ भद्दा मजाक करना शुरू कर दिया है. लंबे समय से टैस्ट पास कर  ज्वाइनिंग के इंतजार में बैठे युवाओं को जब नियुक्तिपत्र दिया गया तो हैरान करने वाली शर्तें भी साथ में थोपी जा रही हैं. नियुक्ति पत्र में साफ-साफ लिखा गया है कि 2 वर्ष की जॉब ट्रेनी अवधि पूरी होने के बाद उम्मीदवारों को एक क्वालिफाइंग एग्ज़ामिनेशन या एफिशिएंसी बार टेस्ट पास करना अनिवार्य होगा, तभी उन्हें नियमित वेतनमान में नियुक्ति दी जाएगी। यदि किसी भी कारण से उनका आचरण असंतोषजनक पाया गया या क्षमता पर प्रश्न उठे, तो उनकी नियुक्ति समाप्त की जा सकती है। डॉ. शुक्ला ने कहा कि यह नीति “स्थायी रोजगार” के वादे के विपरीत है और इससे युवाओं में भविष्य को लेकर असुरक्षा का माहौल बन गया है।

डॉक्टर सन्नी शुक्ला ने कहा कि इतना ही नहीं नई नीति को केंद्रीय सिविल सेवा (CCS) नियमों से छूट दी गई है। यानी अब राज्य सरकार इस नीति के तहत नियुक्त युवाओं पर CCS नियमों को बाध्य न मानते हुए अपना स्वतंत्र सिस्टम चला सकती है। चयनित उम्मीदवारों को एक तय अवधि (2साल) तक ट्रेनी के तौर पर रखा जाएगा। इस दौरान उन्हें फिक्स्ड स्टाइपेंड (मानदेय) मिलेगा पूरी सैलरी नहीं। ये स्टाइपेंड पद की श्रेणी के अनुसार तय होगा। जॉब ट्रेनी सरकारी कर्मचारी नहीं होगा। एफिशिएंसी बार टेस्ट पास करने के बाद ही कर्मचारी को रेगुलर (स्थायी) नियुक्ति मिलेगी। उन्होंने मांग की है कि सरकार जल्द इस ट्रेनी पॉलिसी पर पुनर्विचार करे और प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ न किया जाए।   

अन्होंने कहा कि सीएम सुक्खू गांधी परिवार की पॉलिसी हिमाचल में लागू कर रहे हैं। पहले प्रदेश की जनता से 58 साल वाली पक्की नौकरी का वायदा करके सत्ता हथियाओ, फिर ट्रेनी पॉलिसी जैसी नीति लाकर युवाओं से 2 साल तक काम निकलवाओ और फिर बाहर का रास्ता दिखाकर दूसरे युवकों से भी ऐसे ही काम निकलवाओ। सन्नी शुक्ला ने कहा कि इस तरह झूठ और भ्रमित करने वाली राजनीति लंबे समय तक नहीं चल सकती। उन्होंने आरोप कि सीएम ने कई बार सार्वजिनक मंचों और मिडिया बयानों में कहा था कि कॉट्रेक्ट का केवल नाम बदल कर जॉब ट्रेनी रखा गया है। जो राज्य चयन आयोग द्वारा या किसी अन्य संस्था द्वारा लगेगा वह सरकारी पक्की नौकरी होगी। किसी को हटाया नहीं जाएगा। लेकिन कुछ और ही वास्तविकता सामने आ रही है।   

भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने सुक्खू सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ट्रेनी पॉलिसी को जल्द वापस नहीं लिया गया तो भाजयुमो प्रदेश में बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी और सुक्खू सरकार की युवा विरोधी नीतियों के खिलाफ हजारों युवा सड़कों पर उतरेंगे।
Sunny Shukla