गारबेज एक्ट को नगर परिषद में डाला ठंडे बस्ते में........ एनजीटी के आदेशों की हो रही है सरेआम अवहेलना.....

गारबेज एक्ट को नगर परिषद में डाला ठंडे बस्ते में........ एनजीटी के आदेशों की हो रही है सरेआम अवहेलना.....

 अक्स न्यूज   लाइन ..नाहन  03 जुलाई  - 2023

नगर परिषद में लंबे अरसे से गारबेज एक्ट को ठंडे बस्ते में डाल रखा है। ऐसे में खुले में कचरा फेंकने वालों के खिलाफ सीधी सीधी कार्रवाई नहीं हो रही है। अपना सियासी नफा नुकसान  देखने वाली नगर परिषद ने पिछले लम्ब अरसे से गारबेज एक्ट के तहत खुले में कचरा फैंकने वालों का चालान नहीं किया। नप के  सूत्रों ने बताया कुछ महीनों में  एक्ट के तहत खुले में कचरा फेंकने वाले लोगों के खिलाफ  चालान नहीं हुआ है।आलम यह है कि जिन 18 सूअर पालने वाले लोगों को नप कार्यालय में बुलाया गया था क्योंकि इनके सूअर सड़कों पर घूमते मिले थे लेकिन वो आज तक  नही आए लिहाजा इन लोगों नोटिस तक शायद जारी किए गए। ऐसे में चालान नहीं हो सके अब यह मामला ज्यों का त्यों लटका है। उधर शहर में सफाई व्यवस्था लगातार पटरी से उतर रही है। लोग लगातार खुले में कचरा फेंक रहे हैं।
 

दाएं बाएं कचरा फेंकने से बंदरोंऔर कुत्तों  की तादाद में लगातार इजाफा हो रहा है यह सभी सड़कों के किनारे रखे गए क चरे से भरे कैरी बेगस खोलकर सड़क के बीच बिखेर रहे ऐसे में गलियों सड़कों पर गंदगी लगातार बढ़ रही है। कचरा फेंकने वालों को इस बात की भी तमीज नहीं है नहीं है कि सफाई कर्मी कड़ी मेहनत से रोजाना गर्मी सर्दियों बरसात में शहर को साफ सुथरा रखने में लगे। इसी कड़ी में नगर परिषद में ने कुत्ता घुमाने वालों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की है कुत्ता घुमाने वाले भी लगातार सड़कों व गलियों को गंदा करने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं बंदरों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। 
आज लोग कुत्तों के साथ साथ बंदरों को भी खाना खिला कर पुण्य कमा रहे हैं और शहर की सफाई व्यवस्था को पलीता लगा रहे हैं।उधर शहर में लगातार बेसहारा गोवंश की संख्या में इजाफा हो रहा है।  नगर परिषद के  लाख  दावों के बावजूद इनकी तादाद में कम नहीं हुई यही नही गोवंश पालने वाले लोग दूध निकालकर इनको इनको खुले में छोड़ देते हैं हालत यह हो चुकी है टैग लगे जानवर भी भी सड़कों के किनारे कचरे के ढेर खाते में नजर आते है। आरोप है कि इसके बाद भी  नगर परिषद मुख्य दर्शक बनी है। ना तो इनके मालिकों के खिलाफ  कार्रवाई हो रही है और ना ही टैग लगे जानवरों को फाटक में बंद क रने के लिए  भेजा जा रहा है। 

नगर परिषद के कर्मी यह कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं कि सड़कों पर घूमने वाले गोवंश को उठाकर ले जाने की जिम्मेवारी वैटनरी विभाग की है। विभाग कह देता है यह जिम्मा तो नगर परिषद का है। सच तो यह है कि जिला प्रशासन की बैठकों में जी सर , जी सर कहने वाली अफसरशाही का इन समस्याओं से निपटने का कौई सरोकार नही है।