अक्स न्यूज लाइन शिमला 11 जून :
भाजपा मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने फ़र्जीवाड़ा एवं भ्रष्टाचार के मामले पर सरकार को गिरते हुए कांग्रेस सरकार से पूछा शूलिनी पर्ची मामले अभी तक सरकार चुप क्यों है ? अभी तक इस मामले में बड़े स्तर की जांच क्यों नहीं बढ़ाई गई ? क्या सरकार कुछ भ्रष्ट अफसर को संरक्षण देने का काम कर रही है ?
उन्होंने कहा कि शूलिनी मेले के नाम पर फर्जी चंदा पर्चियां छपवाने के मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार किया गया युवक एक डिपो होल्डर का भाई है और इसी ने शहर की एक प्रिंटिंग प्रेस को 1200 से अधिक पर्चियां छापने का आदेश दिया था। सवाल यह उठता है कि मात्र एक गिरफ्तारी से क्या इस मामले को दबाने का प्रयास तो नहीं किया जा रहा है ? प्रारंभिक पूछताछ के बाद आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया गया है, लेकिन यह मामला अब प्रशासनिक प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और सरकारी प्रतिष्ठान के नाम के दुरुपयोग पर गहराते सवाल छोड़ गया है। पुलिस की जांच के घेरे में सिविल सप्लाई विभाग का संबंधित अधिकारी और प्रिंटिंग प्रेस संचालक भी है । पर अभी तक इस मामले में पुलिस प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की है, पुलिस प्रशासन को इस जांच में और कड़ा रुख अपनाना चाहिए तभी सच्चाई सामने आएगी, नहीं तो ऐसा लगता है कि किसी दबाव के कारण इस पूरे मामले को दबाने का कार्य किया जा रहा है।
बताया जा रहा है की सूत्रों के मुताबिक शूलिनी मेला के लिए स्थानीय अधिकारी की ओर से डिपो होल्डर के भाई को एक चंदा पर्ची दी गई थी, ताकि वह क्षेत्र में जनसहयोग के लिए चंदा इकट्ठा कर सके। लेकिन वह पर्ची उस व्यक्ति से कहीं गुम हो गई। इसी डर में कि कहीं विभागीय कार्रवाई न हो जाए, उसके भाई ने उसी पर्ची की हूबहू नकल तैयार करवाई और एक स्थानीय प्रिंटिंग प्रेस में सैकड़ों नकली पर्चियां छपवा दीं। नालागढ़ शहर की एक प्रिंटिंग प्रेस में छापे के दौरान 1294 पर्चियां बरामद हुई । पर्चियों में 'शूलिनी मेला कमेटी सोलन' के नाम के साथ डीसी सोलन का मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी और स्कैनर कोड तक छपा था। जांच के दौरान जब एक पर्ची (क्रमांक 7201) को स्कैन किया गया, तो उसमें डीसी कम चेयरमैन के खाते की डिटेल सामने आ गई, जिससे इस फर्जीवाड़े की गंभीरता और बढ़ गई। यही नहीं, पर्ची पर प्रिंटिंग प्रेस का नाम भी दर्ज नहीं था ।
पूरे मामले मैं भ्रष्टाचार स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है तब भी प्रशासन इस पूरे मामले पर चादर ढकने का प्रयास कर रहा है, प्रशासनिक अधिकारी तो यह कह रहे हैं की पर्ची डर के मारे छपाई गई, अगर इस वाक्य से मामला दब सकता है तो निश्चित रूप से मामले के ऊपर बड़ा दबाव है, नहीं तो भ्रष्टाचार तो भ्रष्टाचार ही होता है और बड़ी कार्रवाई तो बनती है।
केंद्र सरकार की ओर से पिछले 11 वर्ष में हिमाचल प्रदेश को भरपूर मदद : नंदा
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा कि केंद्र सरकार के पिछले 11 वर्ष में हिमाचल प्रदेश को भरपूर मदद मिली है, चाहे वह केंद्र योजनाएं हो या केंद्र के प्रोजेक्ट हो हिमाचल प्रदेश को प्रतिवर्ष 10000 करोड़ से अधिक की केंद्रीय सहायता मिली है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए हिमाचल प्रदेश को 101.18 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है। यह वित्तीय सहायता चालू वित्तीय वर्ष की पहली किस्त के तौर पर जारी की गई है। यह धनराशि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम और शहरी स्वास्थ्य मिशन के लिए लचीले कोष के रूप में इस्तेमाल की जाएगी। इसके लिए हम केंद्र सरकार का धन्यवाद करते हैं, हमें केंद्र सरकार से लगभग 46 परियोजनाओं के लिए पैसे आते हैं। जैसे की 2024-25 में इन परियोजनाओं के अंतर्गत मनरेगा में 1000 करोड़, शिक्षक क्षेत्र में स्टार में 114.59 करोड़, समग्र शिक्षा 250 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना 582.46 करोड़, मिशन शक्ति 15 करोड़, सक्षम आंगनवाड़ी पोषण 177.65 करोड़, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 800 करोड़ से अधिक की राशि हिमाचल प्रदेश सरकार को मिली है। केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के साथ कभी भी किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया है, हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार के नेता एवं मुखिया केवल मात्र हिमाचल प्रदेश में एक गलत नॉरेटिव सेट करने का प्रयास कर रहे हैं।