अक्स न्यूज लाइन शिमला 7 अक्टूबर :
नगर निगम शिमला के पूर्व पार्षद एवं अधिवक्ता विवेक शर्मा ने आज एक प्रेस वक्तव्य जारी कर 2023 के नगर निगम चुनावों में वोट चोरी के कांग्रेस के आरोपों को पूरी तरह झूठा, तथ्यहीन और आधारहीन करार दिया। उन्होंने कहा कि सितंबर 2025 में हुई नगर निगम की हाउस बैठक में मझाठ और टूटू वार्ड के पार्षदों के बीच हुए विवाद ने एक गंभीर मुद्दा उजागर किया है, जो संविधान की अवहेलना को दर्शाता है।
विवेक शर्मा ने बताया कि मझाठ वार्ड की पार्षद ने अपने फेसबुक पेज 'मझाठ' पर वोटर लिस्ट साझा की, जिसमें टूटू वार्ड की पार्षद मोनिका भारद्वाज का नाम न केवल मझाठ वार्ड की वोटर लिस्ट में, बल्कि सप्लीमेंट्री लिस्ट में भी दोबारा दर्ज है। साथ ही, टूटू वार्ड की वोटर लिस्ट में भी उनका नाम शामिल है, और उन्होंने टूटू वार्ड से ही नामांकन दाखिल किया था।
उन्होंने कहा कि नगर निगम चुनाव नियमों के रूल 16, सब-क्लॉज 2 के तहत किसी व्यक्ति का वोट केवल एक वार्ड में ही हो सकता है। यह गड़बड़ी साबित करती है कि नगर निगम का चुनाव संविधान की हत्या और वोटर लिस्ट में हेरफेर करके जीता गया। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार ने चुनाव आयोग को नजरअंदाज कर या दबाव में लेकर यह सुनिश्चित किया कि गलत वोटर लिस्ट के आधार पर नगर निगम का गठन हो।
पूर्व पार्षद ने मांग की कि ऐसी नगर निगम को तत्काल भंग किया जाए। उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और वोट चोरी कांग्रेस का मूलभूत अधिकार है, और उनकी पार्षद ने स्वयं यह साबित कर दिया कि वोट चोरी की जन्मदाता कांग्रेस ही है।