नशे की समस्या से निपटने के लिए परिवार, समाज और प्रशासन मिलकर करें कार्य: विनय कुमार

अतिरिक्त उपायुक्त ने विशेष रूप से इस बात पर बल दिया कि बच्चों और युवाओं को सही समय पर नशे से रोकना अत्यंत आवश्यक है। समय रहते उन्हें जागरूक करने से वे इस बुरी लत का शिकार होने से बच सकते हैं। अतिरिक्त उपायुक्त ने सभी विभागों को नशा मुक्ति अभियान को जन-आंदोलन बनाने के लिए संयुक्त प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नशामुक्त समाज ही स्वस्थ, सक्षम और समृद्ध समाज की नींव रख सकता है।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि नशे की रोकथाम के लिए एक पूरी तरह समर्पित जागरूकता अभियान जिले में चलाया जाये। उन्होंने कहा कि सभी विभाग और गैर सरकारी संस्थाएं मिलकर जागरूकता सामग्री तैयार करें। उन्होंने इस क्षेत्र में काम कर रही गैर सरकारी संस्थाओं को इस बारे विस्तृत परियोजना बनाने के निर्देश दिए।
अतिरिक्त उपायुक्त ने बैठक में अधिकारियों से जिले में चल रहे निजी क्षेत्र के नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों के निरीक्षण को लेकर की गई कार्रवाई की जानकारी ली। उन्होंने जिले में सरकारी नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्रों की क्षमता को बढ़ाने के निर्देश दिये।
अतिरिक्त उपायुक्त विनय कुमार ने कहा कि जिले के स्कूलों में नशे के दुष्प्रभावों को लेकर जागरूकता अभियान में गंभीर प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्कूलों में निर्मित प्रहरी क्लब को एक्टिव किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रहरी क्लब के इंचार्ज की जिम्मेदारी ऐसे शिक्षक को दी जाए जो इस विषय को लेकर गंभीर है और जिसकी बच्चों में भी स्वीकार्यता है।
इस अवसर पर एडीएम शिल्पी बेक्टा ने संवाद (एस.ए.एम.वी.ए.ए.डी. - सिस्टेमैटिक अडोलसेंट मैनेजमेंट एंड वैल्यू एडीशन डायलॉग) कार्यक्रम के बेहतर कार्यान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों की स्कूली बच्चों से जुड़ी शिक्षा व जागरुकता गतिविधियों को कन्वर्जेंस के साथ निर्धारित शेड्यूल के मुताबिक चलायी जाती हैं। उन्होंने इसे लेकर संबंधित अधिकारियों तथा कर्मचारियों को निरंतर बच्चों के बीच जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वीर बहादुर ने कहा कि जिले में नशे के कारोबार को नियंत्रित करने और युवा को इससे बाहर निकालने के लिए सबकी सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नशे की जाल में फंस चुके युवा तथा उनके परिवार इसकी जानकारी पुलिस प्रशासन को बिना किसी झिझक के दें। उन्होंने कहा कि पुलिस उनको इससे बचाने और नशे के कारोबार को नियंत्रित करने में पूर्ण सहयोग करेगी। उन्होंने यह भी बताया कि कोई भी नागरिक नशे से संबंधित शिकायत या जानकारी देने के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1933, 1908 और 14446 पर संपर्क कर सकता है शिकायत या जानकारी देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जो बच्चे और युवा नशे की लत में आ चुके हैं, उनके लिए डि-एडिक्शन (नशा मुक्ति) केंद्रों में उपचार एवं पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों और पंचायत स्तर पर नियमित जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे, ताकि समाज में नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी व्यापक रूप से पहुंच सके।
बैठक में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश सूद, उप निदेशक कृषि डाॅ. कुलदीप धीमान, सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, विभिन्न एनजीओ के प्रतिनिधि और जिले के सभी डीएसपी और बीएमओ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उपस्थित रहे।