केंद्र ने एनएच-154ए पर संवेदनशील स्थानों पर तटबंधों की मरम्मत के लिए 93.55 करोड़ रुपये मंजूर किएः विक्रमादित्य सिंह

केंद्र ने एनएच-154ए पर संवेदनशील स्थानों पर तटबंधों की मरम्मत के लिए 93.55 करोड़ रुपये मंजूर किएः विक्रमादित्य सिंह
अक्स न्यूज लाइन शिमला 22 नवंबर : 
हिमाचल प्रदेश सरकार के निरंतर और प्रभावी प्रयासों के परिणामस्वरूप भारत सरकार ने नेशनल हाईवे-154ए के संवेदनशील स्थानों पर तटबंधों की विशेष मरम्मत के लिए 93,55,59,489 रुपये की स्वीकृति प्रदान की है।

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज यहां बताया कि मानसून के दौरान इस राष्ट्रीय राजमार्ग को बार-बार होने वाले नुकसान को देखते हुए राज्य सरकार निरन्तर इस मामले को केंद्र से उठा रही थी। चंबा जिला में मानसून आपदा के बाद हुए नुकसान का विस्तृत आकलन किया गया और उन्होंने स्वयं जाकर प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थानीय प्रशासन और संबंधित अधिकारियों से इस संबंध में विस्तृत चर्चा की। आकलन के उपरान्त त्वरित वित्तीय सहायता के लिए इस प्रस्ताव को प्राथमिकता के साथ केंद्र सरकार को भेजा गया। भूस्खलन, कटाव और सड़क टूटने की घटनाओं के कारण यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान में रखते हुए यह मामला गंभीरतापूर्वक केन्द्र से उठाया गया था।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों के बाद केंद्र के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने लोक निर्माण विभाग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव का परीक्षण कर तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। यह परियोजना चंबा जिला के चक्की-बनीखेत-चंबा-भरमौर सड़क मार्ग के संवेदनशील तटबंधों की विशेष मरम्मत से संबंधित है। योजना को पूरी सावधानी के साथ कार्यान्वित किया जाएगा ताकि अनावश्यक विलम्ब और लागत बढ़ोतरी से बचा जा सके।

विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि इस कार्य योजना के तहत वर्ष 2025-26 में 30 प्रतिशत कार्य, वर्ष 2026-27 में संपूर्ण कार्य और उसके बाद वर्ष 2031-32 तक नियमित रखरखाव का प्रावधान किया गया है। इससे इन संवेदनशील हिस्सों की लंबे समय तक सुरक्षा सुनिश्चित होगी और सड़क की मजबूती में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि लंबे समय के लिए रखरखाव की यह स्वीकृति प्रदेश सरकार के प्रयासों का परिणाम है।

लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि एनएच-154ए पर्यटन, व्यापार और स्थानीय लोगों के दैनिक आवागमन के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण मार्ग है। तटबंधों की मजबूती से भारी बारिश के समय सड़क बंद होने की घटनाएं भी कम होंगी। उन्होंने कहा कि इस मार्ग पर बार-बार होने वाली सड़क धंसने की घटनाएं न केवल यात्रियों के लिए घातक हैं, बल्कि यह आवश्यक सेवाओं और आर्थिक गतिविधियों को भी प्रभावित करती है।

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह स्वीकृति राज्य में सड़क सुरक्षा और आपदा प्रबंधन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। राज्य सरकार अन्य संवेदनशील राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए भी इसी प्रकार की स्वीकृतियां प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि पूरे प्रदेश में निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित किया जा सके।

उन्होंने बताया कि इस परियोजना के लिए शिमला में तैनात मंत्रालय के क्षेत्रीय अधिकारी को आहरण एवं वितरण अधिकारी नियुक्त किया गया है। सभी कार्य सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी तकनीकी दिशा-निर्देशों के अनुसार ही किए जाएंगे। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सड़क अवसंरचना को उन्नत करने के लिए लगातार प्रयासरत है। केंद्र द्वारा एनएच-154ए के लिए दी गई यह बड़ी स्वीकृति भी इन्हीं निरंतर प्रयासों और प्रभावी फॉलो-अप का परिणाम है।