बच्चों की प्रतिभा को निखारने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका: राजेश धर्माणी
उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चे पियर लर्निंग यानी साथियों के साथ मिलकर सीखने की प्रक्रिया से अधिक प्रभावी ढंग से ज्ञान अर्जित करते हैं। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों में प्रश्न करने की स्वाभाविक जिज्ञासा होती है, ऐसे में उनके प्रश्नों के उत्तर देकर उनकी सीखने की प्रक्रिया को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र में सीबीएसई आधारित 4 स्कूलों को मान्यता प्रदान की जा रही है, जिनमें भराड़ी स्कूल भी शामिल है। इसके अतिरिक्त हटवाड़ में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित किया जा रहा है, जिसके लिए विभाग के नाम भूमि हस्तांतरित की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के इन सभी कदमों से जहां घुमारवीं विस क्षेत्र में शिक्षा गुणवत्ता में निखार आएगा तो वहीं ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को भी बेहतर शिक्षा हासिल करने के अवसर उपलब्ध होंगे।
राजेश धर्माणी ने कहा कि क्लस्टर स्तर पर आयोजित होने वाले इन कार्यक्रमों से छोटे स्कूली बच्चों को प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है, जो सामान्य परिस्थितियों में उन्हें आसानी से नहीं मिल पाता है। मंच पर आकर गीत, नृत्य, अभिनय, खेलकूद या अन्य गतिविधियों में भाग लेने से उनके अंदर आत्मविश्वास विकसित होता है और वह बिना झिझक स्वयं को अभिव्यक्त करना सीखते हैं। साथ ही कहा कि क्लस्टर स्तरीय कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों में मित्रता, सहयोग और प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा मिलता है। विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों के साथ बातचीत और सहभागिता से उनका सामाजिक दायरा भी बढ़ता है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों एवं अभिभावकों के लिए इस तरह के कार्यक्रम बच्चों की क्षमताओं को पहचानने और आगे बढ़ाने में सुनहरा अवसर प्रदान करते हैं।
इस दौरान विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर कोऑपरेटिव बैंक निदेशक जगदीश शर्मा, क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों के मुख्याध्यापक, अभिभावक, छात्र-छात्राएं तथा गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।




