मुख्य सचिव ने सिविल डिफेंस सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की

मुख्य सचिव ने सिविल डिफेंस सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की

अक्स न्यूज लाइन, शिमला   06 मई :  

मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आज यहां हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) के तत्वावधान में सिविल डिफेंस समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर 7 मई, 2025 को शिमला में सायं 4 बजे आयोजित की जाने वाली सिविल डिफेंस मॉकड्रिल ‘आप्रेशन अभ्यास’ की तैयारियों की समीक्षा की। यह मॉकड्रिल सम्भावित हवाई हमले की तैयारियों और प्रत्युत्तर में की जाने वाली कार्रवाई के लिए आयोजित की जा रही है।
बैठक को सम्बोधित करते हुए मुख्य सचिव ने सभी जिलाधीशों को केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार नागरिक सुरक्षा सिस्टम को सक्रिय करने के लिए कहा। राज्य के रणनीतिक महत्व को देखते हुए उन्होंने दुश्मन के किसी भी सम्भावित हवाई हमले के मद्देनज़र आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिए।

उन्होंने होमगार्डस, अग्निशमन सेवाएं तथा नागरिक सुरक्षा के उप-महानियंत्रक, शिमला जिला प्रशासन तथा हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सभी हितधारकों तथा सम्बंधित विभागों को आयोजित की जाने वाली मॉकड्रिल के सभी सुचारू एवं वास्तविक निष्पादन के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस अभ्यास में सायरन के साथ सम्भावित हवाई हमले की तैयारी तथा ब्लैकआउट उपाय, भवनों में आग की घटनाओं, तलाश एवं बचाव कार्य, घायलों को बाहर निकालना, प्राथमिक उपचार तथा अति जोखिम वाले क्षेत्रों से नागरिकों का निकास शामिल है।

श्री सक्सेना ने नागरिक सुरक्षा जागरूकता को रेखाकिंत करते हुए कहा कि राज्य में किसी भी सम्भावित आपदा या हमले के लिए सामुदायिक तैयारी अनिवार्य है। उन्होंने नागरिक सुरक्षा पर बल देते हुए कहा कि इसमें शांति तथा आपदा काल में नागरिकों तथा सम्पत्तियों को सुरक्षित करने के लिए व्यवस्थित तथा असैन्य प्रयास शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य नागरिक प्रशासन को शत्रुतापूर्ण या विपरीत परिस्थितियों के प्रबंधन, नागरिक प्रशिक्षण, तबाही पर नियंत्रण, जनता का उत्साह कायम रखने तथा राष्ट्रीय आपदा के दौरान सैन्य बलों को सहायता पहुंचाना है।

मुख्य सचिव ने जिला प्रशासन के मुख्य उत्तरदायित्वों को चिन्हित करते हुए कहा कि इसमें नागरिक सुरक्षा वार्डन तथा स्वयंसेवियों का नामांकन, संकट मूल्यांकन का संचालन और संवेदनशील जगहों को चिन्हित करना, हवाई हमलों हेतु चेतावनी पद्धति का क्रियान्वयन, ब्लैकआउट, छलावरण प्रोटोकोल, नियमित सूत्रीकरण और नागरिक सुरक्षा योजना का अभ्यास, निकासी योजना की तैयारी और सुधार, चिकित्सा सहायता, भोजन, पानी और अग्निशमन आदि आपातकालीन सेवाओं में वृद्धि और नागरिक प्रशिक्षण तथा जागरूकता अभियान का संचालन शामिल है।

हिमाचल प्रदेश में नागरिक सुरक्षा संरचना पर गृह रक्षा, अग्निशमन सेवाएं तथा नागरिक सुरक्षा उप-महानियंत्रक अरविंद पराशर ने विस्तृत प्रस्तृति दी। इस प्रस्तुति में नागरिक सुरक्षा के प्रादेशिक, जिला, उप-मण्डलीय तथा स्थानीय ढांचे तथा उसके प्रबंधन और उनमें शामिल अधिकारियों तथा कार्यकर्ताओं का ब्योरा शामिल था।
इससे पूर्व, हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेष सचिव तथा निदेशक डी.सी.राणा ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए मजबूत नागरिक सुरक्षा प्रणाली पर बल देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के रणनीतिक महत्व को देखते हुए यह अत्यंत आवश्यक है।

बैठक में अन्यों के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा सहित लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति, ऊर्जा विभाग, बीएसएनएल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, रेडियो, दूरदर्शन, लोक सम्पर्क, आरट्रैक, मोबाइल आप्रेटर्ज़, स्वास्थ्य सेवाएं तथा अग्निशमन सेवाएं विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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