मन का ध्यान रखेंगे तो चोट लगने का चांस नहीं होगा ...ब्रह्माकुमारी शिवानी बहन

मन का  ध्यान रखेंगे तो चोट लगने का चांस नहीं होगा ...ब्रह्माकुमारी शिवानी बहन

अक़्स न्यूज लाइन, नाहन -- 05 मई 

हैप्पीनेस अनलिमिटेड विषय पर इंटरनेशनल स्पिरिचुअल मोटिवेशनल स्पीकर ब्रह्माकुमारी शिवानी बहन द्वारा नाहन में सभा को संबोधित किया गया । इसका शुभारंभ उन्होंने मेडिटेशन करा कर किया और कहा कि हम जानते हैं कि मैं एक आत्मा हूं , लेकिन सारे दिन कार्य व्यवहार में रहते हुए हम भूल जाते है कि 'मैं एक आत्मा हूं ' इसलिए हम इन कर्मेन्द्रियों के द्वारा सुख-खुशी ढूंढने की कोशिश करते हैं । हमें लगा सुख और खुशी इनको चाहिए तो हमने कहा कुछ देखेंगे तो अच्छा लगेगा, कुछ कहेंगे तो अच्छा लगेगा, कुछ सुनेंगे तो अच्छा लगेगा,मतलब मन उदास है तो हम कर्मेन्द्रियों द्वारा कुछ कर लेंगे तो अच्छा लगेगा ।

ऐसा करना गलत भी नहीं है लेकिन ध्यान रखना था कि यह चीज कुछ समय के लिए हमारे मन को उस चिंता से उस परेशानी से दुख से हटाती है लेकिन उस घाव को ठीक नहीं करती । 

उन्होंने आगे कहा कि राजयोग हमें क्या सिखाता है कि सारे दिन में पहले अपने मन का ध्यान रखो ।मन का  ध्यान रखेंगे तो चोट लगने का चांस नहीं होगा ,मन के हर संकल्प में कदम कैसे रखना है, वह अगर सीख लिया तो चोट लगने के चांस बहुत कम है । 
उन्होंने कहा कि बचपन में हमें सिखाया जाता है कि कैसे लिखना है, कैसे बोलना है, कैसे पढ़ना है, कैसे काम करना है, कैसे व्यवहार करना है। लेकिन कैसे सोचना है ,किसी ने भी यह हमको नहीं सिखाया ।

सब सीखाया  लेकिन मन के अंदर कैसे सोचना है किसी ने भी नहीं सिखाया । आगे उन्होंने कहा कि हम में से सभी में दूसरों का मूड कभी ना कभी ठीक किया । लेकिन क्या हमने खुद के खराब मूड को कभी ठीक किया? मेरे मन में घुसकर कोई भी मेरे मन को डिस्टर्ब नहीं कर सकता , मेरे अलावा ।

मेरा नजरिया मेरे संस्कारों से बनता है । कलयुग में सबका मन परेशान है , कोई मीठा नहीं बोलता लेकिन अगर कोई मीठा बोलता भी है तो जरूरी नहीं की मीठा सोचता भी हो ।अभी हमको अच्छा सोचना सिखना है,अगर कोई हमें किसी चोट पर आकर बातों को छोडने बात तो कुछ छोड़ने के लिए कहते हैं लेकिन बातों को छोड़ना नहीं है थोड़ा रुक कर उन पर  चोट पर मरहम लगाना है। जो दिखाई देगा वह आपके संस्कारों से होगा ।

मुझको जो दिखाई देगा वह मेरे संस्कारों से होगा  । हम दोनों के संस्कार अलग-अलग है , मुझे दुख देने वाला कौन है मैं खुद हूं। मुझे चोट पहुंचाने वाला भी मैं ही हूं, तो ठीक मुझे ठीक करने वाला भी मैं खुद ही हूं । उसके बाद कार्यक्रम के अंत में फिर से सबको मेडिटेशन कर कर गहन शांति की अनुभूति करवाई।

इस अवसर पर बीके मंजू दीदी देहरादून बीके मीना दीदी जी हरिद्वार जिला उपयुक्त भ्राता सुमित खिमटा जी, ब्रदर सलीम आजम  एसडीएम नहान स्वामी दयानंद भारती जी महाराज गायत्री मंदिर रेणुका जी आनंदपुर ट्रस्ट बाई जी अमर सिंह चौहान सांई समिति सहित शहर के गण मान्य व्यक्ति उपस्थित रहे ।शहर वह आसपास के इलाके के लोगों ने भी का भरपूर लाभ उठाया ।कार्यक्रम कार्यक्रम का शुभारंभ ज्योति प्रज्वलन के साथ किया गया ,कुमारी सोनारिका ने स्वागत नृत्य द्वारा सभी का स्वागत किया।