30 अक्तूबर से लेकर 02 नवंबर के बीच किया जाएगा फिल्म महोत्सव का आयोजन: शिल्पी बेक्टा
उन्होंने कहा कि धर्मशाला अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल के आयोजन से जिले में पर्यटन को मजबूती मिलेगी। फिल्म फेस्टिवल में देश ही नहीं अपितु अंतर्राष्ट्रीय स्तर की फिल्में भी शामिल की जाएंगी तथा इसमें देश-विदेश से कई लोग फेस्टिवल में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि धर्मशाला में फिल्म फेस्टिवल के आयोजन से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि फिल्म मेकिंग और इससे जुड़े कार्यों में रूचि रखने वाले युवा इस आयोजन से बहुत कुछ सीख सकते हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म फेस्टिवल में बहुत से जाने-माने फिल्मकार धर्मशाला आएंगे।
फिल्म फेस्टिवल की प्रबंधक ऋतु सरीन और तेंजिंग सोनम ने कहा कि धर्मशाला अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव ने देशभर में एक अग्रणी इंडीपेंडेंट फिल्म फेस्टिवल के रूप में अपनी एक अलग पहचान कायम की है। इस महोत्सव की पहचान सिर्फ फिल्मों के क्यूरेशन की गुणवत्ता के लिए ही नहीं, बल्कि फिल्मकारों व दर्शकों के लिए मुख्यधारा के दबाव से हटकर एक दुर्लभ व अर्थपूर्ण स्थान प्रदान करने के लिए भी होती है। उन्होंने कहा कि डीआईएफएफ हर साल हिमायल की पहाड़ियों में आयोजित किये जाने वाले इस महोत्सव के लिए दुनियाभर की अनूठी और लीक से हटकर फिल्मों का चयन करता है। यहां दर्शकों को दुनियाभर की चर्चित फिल्मों को पहले ही देखने, उन्हें प्रतिष्ठित फिल्मकारों के साथ आयोजित होने वाले मास्टरक्लास का हिस्सा बनने और इंडिपेंडेंट सिनेमा को गढ़ने वाले विचार-विमर्श में भाग लेने का भरपूर अवसर मिलता है। उन्होंने बताया कि इस साल महोत्सव की ओपनिंग फिल्म होगी नीरज घेवान द्वारा निर्देशित और भारत की ओर से साल 2026 के ऑस्कर में नामांकन के लिए भेजी गई फिल्म होमबाउंड, फिल्म में उत्तर भारत के एक गांव में रहने वाले बचपन के दो दोस्तों की कहानी को दर्शाया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले साल की सफल साझेदारियों को देखते हुए डीआईएफएफ ने इस साल भी सिडनी फिल्म महोत्सव के साथ साझेदारी की है। इतना ही नहीं, इस साल डीआईएफएफ में दो चर्चित ऑस्ट्रेलियाई फिल्मों और उनके फिल्मकारों का भी जोरदार तरीके से स्वागत किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि फिल्म महोत्सव में जानी-मानी फिल्मकार किरण राव अपने सिनेमा सफर, इंडिपेंडेंट सिनेमा की बदलती तस्वीर और बोल्ड व अर्थपूर्ण किस्म की कहानियों को पेश करने को लेकर अपनी बात रखेंगी। इसके अलावा, जाने-माने अभिनेता आदिल हुसैन के साथ एक मास्टर क्लास का भी आयोजन किया जा रहा है जिसमें वे विविध सांस्कृतिक परिदृश्य में प्रामाणिक तरह से विभिन्न तरह के चरित्रों को निभाने को लेकर चर्चा करेंगे। महान रूसी निर्देशक आंद्रे तारकोवस्की के बेटे आंद्रे ए. तारकोवस्की भी अपने पिता की सिनेमाई विरासत पर चर्चा करने के लिए यहां विशेष रूप से मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि डीआईएफएफ को क्यूरेट करने का श्रेय बीना पाॅल को जाता है जो इस महोत्सव की प्रोग्रामिंग डायरेक्टर भी हैं। उन्होंने बताया कि महोत्सव में इस बार भूटान, नार्वे, भारत, कनाडा, यूके, आयरलैंड, अमेरिका, फ्रांस, स्पेन, जर्मनी के अलावा अन्य देशों की फिल्में प्रदर्शित की जायेंगी।




