प्रेम प्रसंग ने ली माँ-बेटे की जान, पड़ोसी निकला कातिल पुलिस द्वारा गठित एसआईटी ने गांव के ही 32 वर्षीय आरोपी को गिरफ्तार
दोहरे हत्याकांड : प्रेम प्रसंग ने ली माँ-बेटे की जान, पड़ोसी निकला कातिल
आखिरकार जिला सिरमौर पुलिस ने 10 दिनों बाद जिला के पच्छाद मंडल की ग्राम पंचायत चमेजी में हुए मां बेटे के दोहरे हत्याकांड से पर्दा उठा लिया है। इस मामले को हल करने में जिला सिरमौर पुलिस को सफलता हाथ लगी है। पुलिस द्वारा गठित एसआईटी ने गांव के ही 32 वर्षीय आरोपी को गिरफ्तार किया है।
मीडिया से रूबरू हुए पुलिस अधीक्षक सिरमौर रमन कुमार मीणा ने बताया कि गहन जांच करने के बाद पुलिस हत्यारोपी तक पहुंच पाई। जिला पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुलिस द्वारा गठित एसआईटी ने इस प्रकरण में करीब 400 से अधिक लोगों से पूछताछ की। उन्होंने कहा कि मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा हुआ है। इसमें दो भाइयों के बीच विवाहिता के संबंध थे।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 10 दिनों तक चली गहन जांच के बाद पुलिस ने उसी गांव के रहने वाले 32 वर्षीय आरोपी नरेश कुमार पुत्र नारायण सिंह को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि नरेश ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है जिसे अब न्यायालय में पेश किया जाएगा। बताते हैं कि दोहरे हत्याकांड का मुख्य कारण विवाहिता का दो भाइयों के साथ संबंध बताया जा रहा है।
आरोपी का करीब 2 साल पहले तक पीड़ित महिला के साथ अफेयर था लेकिन उसके बाद दोनों का ब्रेकअप हो गया था जिसके चलते पीड़ित महिला और आरोपी के बीच कोई वार्तालाप नहीं था। इसी कारण पुलिस का शक आरोपी की तरफ नहीं जा रहा था बताते हैं कि मृतक महिला का छोटे भाई के साथ भी संबंध था।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हत्यारोपी और महिला के बीच 1 वर्ष में 969 बार फ़ोन पर बात हुई थी। इसी कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस द्वारा इस प्रकरण को सुलझाने में काफी मदद मिली। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुलिस ने 40 लोगों की कॉल डिटेल भी इस मामले में चेक की है। साथ ही 400 से अधिक लोगों के साथ बातचीत की गई जिसके बाद पुलिस आरोपी तक पहुंची।
गौर हो कि 20 अक्टूबर को पच्छाद की ग्राम पंचायत चमेजी में आरोपी द्वारा मां बेटे की हत्या कर दी थी जिस पर पुलिस को जब कोई भी सुराग हाथ नहीं लगा तो पुलिस ने एक लाख रुपये इनाम की घोषणा की थी। भले ही जब इस प्रकरण को सुलझाने में किसी भी व्यक्ति द्वारा सूचना उपलब्ध नहीं करवाई गई , बल्कि पुलिस द्वारा गठित एसआईटी ने अपनी जांच के आधार पर ही इस प्रकरण से पर्दा उठाया है।
एएसपी बबीता राणा की देखरेख में बनाई गई थी एसआईटी
हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शर्मा और बबीता राणा की अगुवाई में एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी में डीएसपी अरुण मोदी , डीएसपी मुकेश डडवाल , इंस्पेक्टर योगेंद्र सिंह , एसआई मदन लाल , एसआई रविंद्र लाल , एचसी कमल कुमार , एचसी ओम प्रकाश , एचसी रोहित कुमार , कांस्टेबल नीतीश शर्मा , कांस्टेबल प्रदीप कुमार और कांस्टेबल नारायण दत्ता आदि शामिल थे। टीम द्वारा दिन रात कड़ी मेहनत के बाद इस प्रकरण से पर्दा उठाया है।
एसआईटी ने नहीं मनाई दीपावली
रमन कुमार मीणा ने बताया कि पुलिस की एसआईटी टीम में शामिल किसी भी पुलिसकर्मी और अधिकारी ने दीपावली का पर्व नहीं मनाया। उन्होंने कहा कि जब इस प्रकरण से पर्दा उठा तो उसके बाद ही आज सुबह पुलिस अधिकारियों और कर्मियों ने एक दूसरे को दीपावली पर्व की शुभकामनाएं दी।