उपायुक्त ने ढगवार में दूध प्रसंस्करण संयंत्र के लिए चयनित भूमि का किया निरीक्षण
उन्होंने बताया कि इस संयंत्र का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के पशुपालकों को उनके दूध के लिए एक विश्वसनीय बाजार प्रदान करके सीधे लाभ पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि इस संयंत्र के लिए दूध की खरीद प्रमुखतः चार जिलों कांगड़ा, ऊना, चंबा और हमीरपुर पर केंद्रित होगी, जिससे स्थानीय डेयरी किसानों के बीच व्यापक भागीदारी और समावेशिता सुनिश्चित होगी। उन्होंने बताया कि उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पादों के उत्पादन के माध्यम से दूध के मूल्य को बढ़ाकर, यह संयंत्र पशुपालकों की आय को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इस पहल से आजीविका के नए अवसर पैदा होने, डेयरी फार्मिंग की लाभप्रदता में सुधार होने और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान मिलने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि ढगवार स्थित दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र के स्तरोन्नयन से दूध की खरीद, प्रसंस्करण और विपणन प्रणाली सुदृढ़ होगी। यह हिमाचल प्रदेश के किसानों और पशुपालाकों को सशक्त बनाने और उनके सतत विकास सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्हांेने कहा कि पशुपालन व्यवसाय को लाभप्रद बनाने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा ‘हिम गंगा’ योजना की घोषणा की गई है, जिसका उद्देश्य राज्य में दूध आधारित अर्थव्यवस्था विकसित करना है।
इस अवसर पर तहसीलदार धर्मशाला गिरिराज ठाकुर, वरिष्ठ प्रबंधक एचपी मिल्क फेड प्रीति आर्या, प्लांट इंजीनियर अखिलेश पराशर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।