कांगड़ा भूकंप की स्मृति में डीसी ऑफिस से पुलिस मैदान तक निकाला मार्च, एडीसी ने दिया सुरक्षित भवन निर्माण का मंत्र, प्रभावितों को दी श्रद्धांजलि

उन्होंने इस दौरान 1905 के भूकंप में जान गंवाने और हताहत हुए लोगों व अन्य प्राणियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि 1905 में जब कांगड़ा में विनाशकारी भूकंप आया था तब जिले में भवनों की संख्या और जनसंख्या दोनों कम थीं, उसके बावजूद भी भूकंप ने सब नेस्तनाबूद कर दिया था। उन्होंने कहा कि तब की तुलना में आज भवनों की संख्या और जनसंख्या अनेकों गुणा ज्यादा है। दोबारा कभी ऐसी त्रासदी आए उससे निपटने के लिए हम सबको पहले से ही तैयारी रखने और जरूरी उपायों की करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण के समय भूकंपरोधी तकनीक को अपनाने और अपने आस-पास कुछ क्षेत्र खुला रखने की दिशा में सबको प्राथमिकता से विचार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 120 वर्ष पूर्व आए कांगड़ा भूकंप ने देश में और विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश में भूकंपीय सुरक्षा के महत्व को समझाया। उन्होंने भवनों के निर्माण में भूकंपीय मानकों का पालन करने पर जोर दिया। इसके अलावा, भूकंप के आने पर लोगों को बचाव के उपायों के बारे में जागरूक किया गया। उन्होंने कहा कि आज भी कांगड़ा भूकंप को एक चेतावनी के रूप में देखा जाता है, क्योंकि इस घटना ने हमें यह सिखाया कि प्राकृतिक आपदाएँ कभी भी हो सकती हैं, और हमें उनसे निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपदाओं के समय में संकट से निपटने और उभरने के लिए सजग और सक्रिय समाज हमेशा सहायी होता है।
आपदा मित्र और छात्राएं की सम्मानित
अतिरिक्त उपायुक्त ने युवा आपदा मित्र योजना के तहत केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान जम्मू से प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटे तीन आपदा मित्रों निकिता, नरेंद्र और अनीता को प्रशस्ति पत्र भेंट किए। साथ ही भाषण प्रतियोगिता में भाग लेने वालीं छात्राओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। भाषण प्रतियोगिता में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धर्मशाला की गीतांजलि ने प्रथम, देवांशी भट्ट ने द्वितीय और सोनाक्षी ने तृतीय स्थान प्राप्त कर लोगों को भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाओं बारे जागरूक किया।
यह रहे उपस्थित
कार्यक्रम में सहायक आयुक्त सुभाष गौतम, एसडीएम धर्मशाला संजीव कुमार सहित पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होमगार्ड, एनआईडीएम के अधिकारी-कर्मचारी और शिक्षण संस्थानों से आए शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।