पांगी बनेगा राज्य का पहला प्राकृतिक खेती उप-मंडल

प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि एफपीओ से किसानों को उनकी प्राकृतिक उपज के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिलने के साथ-साथ उपयुक्त बाजारों तक पहुंच सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर सीईटीएआरएएनएफ प्रणाली के तहत किसानों के समूहों को विकसित और प्रमाणित किया जाएगा, इस प्रणााली को राज्य भर में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के लिए अपनाया गया है।
इन प्रयासों से बड़े क्षेत्र प्रमाणन (एलएसी) का मार्ग प्रशस्त होगा, जिसमें एक ही क्षेत्र में रसायन-मुक्त खेती को अनिवार्य किया गया है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए, राज्य सरकार ने पांगी घाटी में भागीदारी गारंटी प्रणाली के तहत एलएसी प्रमाणन के लिए एक समिति का गठन किया है। इस समिति को प्रमाणन प्रक्रिया शुरू करने के लिए विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का कार्य सौंपा गया है।
प्राकृतिक खेती को और बढ़ावा देने के उदद्ेश्य से राज्य सरकार ने पांगी क्षेत्र में प्राकृतिक खेती से उगाई गई जौ को 60 रुपये प्रति किलो ग्राम के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने की घोषणा की है। इस पहल से पांगी जैसे दुर्गम क्षेत्रों में स्थानीय युवा और कृषक वर्ग पर्यावरण हितैषी प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित होंगे और इन युवाओं को आजीविका का एक स्थाई साधन उपलब्ध होगा।
प्रवक्ता ने बताया कि यह कदम पांगी की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मील पत्थर साबित होगा। किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पांगी क्षेत्र में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के लिए 5 करोड़ रुपये का रीवालिंवग फंड देने की घोषणा की है।