पर्यावरण संरक्षण के लिए सॉलिड और तरल बेस्ट का वैज्ञानिक तरीके से निपटान आवश्यक
उन्होंने बताया कि एनजीटी के दिशा निर्देशों के अनुसार जिला में सॉलिड वेस्ट प्रबंधन, विशेषकर प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन पर गंभीरता से कार्य हुआ है। उन्होंने बताया कि मंडी जिला के शहरी क्षेत्रों में घर-घर जाकर गीला और सूखा कूड़ा एकत्रित किया जा रहा है तथा उसका वैज्ञानिक निस्तांतरण किया जा रहा है।
राठौर ने शहरी निकायों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने कार्यक्षेत्र में चिन्हित डंपिंग साइट पर पैनी नजर रखी जाए। वहीं, सड़क के साथ अवैध डंपिंग करने वाले शरारती तत्वों के खिलाफ नकेल कसी जाए।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि भूजल प्रबंधन प्रणाली के अंतर्गत समयबद्ध तरीके से ठोस कदम उठाए जाएं। कहा कि जिला के विविध स्थानों पर बोरवेल लगाने से पहले संबंधित व्यक्ति से पंजीकरण समेत तमाम औपचारिकताएं पूरी कराना सुनिश्चित बनाएं। जहां पहले से बोरवेल लगे हुए हैं, उनसे नियमानुसार पंजीकरण शीघ्र करवाए जाएं।
स्वास्थ्य महकमे से उन्होंने कहा कि जैव अपशिष्ट जल (बायो बेस्ट वाटर) का सही तरीके से निस्तारण किया जाए। वहीं, स्वास्थ्य व वन महकमें को अपने कार्यक्षेत्र में समयबद्ध सभी लक्ष्यों को पूरा करने को भी कहा। उन्होंने मंडी जिले के सभी महकमों को निर्देशित किया कि आपसी तालमेल से भू-खनन माफिया पर शिकंजा कसा जाए।
बैठक में क्षेत्रीय अधिकारी एवं एनजीटी मामलों की जिला स्तरीय कमेटी के सदस्य सचिव विनय कुमार ने मदवार सभी मुद्दों को विविध विभागों के उपस्थित अधिकारियों व प्रतिनिधियों के समक्ष समीक्षा के लिए बिंदुवार प्रस्तुत किया।