महिला विकास निगम महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए कृत संकल्प - डॉ. शांडिल
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि महिला उद्यमियों, महिला सहकारी समितियों एवं अन्य महिला संगठनों को स्वरोज़गार स्थापित करने में आर्थिक सहायता प्रदान करना, महिलाओं की व्यवसायिक कार्य कुशलता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध करवाना और महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए निरंतर कार्य करना निगम का मुख्य उद्देश्य है।
उन्होंने कहा कि एक महिला के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के माध्यम से परिवार और समाज का हित सुनिश्चित बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महिला परिवार की धुरी है और महिलाओं की मज़बूती देश और प्रदेश के हित में है। उन्होंने निदेशक मण्डल को निर्देश दिए कि निगम की योजनाओं का बेहतर प्रचार-प्रसार सुनिश्चित बनाएं ताकि पात्र महिलाएं इन योजनाओं का लाभ उठा सकें। उन्होंने पात्र महिलाओं को जागरूक करने के लिए जागरूकता शिविर आयोजित करने तथा प्रचार समाग्री जन-जन तक पहुंचाने के निर्देश भी दिए।
डॉ. शांडिल ने स्वरोज़गार योजना के तहत ऋण सीमा को 01 लाख रुपए से बढ़ाकर 03 लाख रुपए करने का मामला प्रदेश सरकार को प्रेषित करने के निर्देश दिए। उन्होंने महिला विकास निगम द्वारा दिए जाने वाले ब्याज मुक्त अध्ययन ऋण को अधिक से अधिक महिलाओं को उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश महिला विकास निगम द्वारा इस वित्त वर्ष में स्वरोज़गार योजना के तहत 67 महिलाओं को 67 लाख रुपए का ऋण विभिन्न बैकों के माध्यम से उपलब्ध करवाया गया है। उन्होंने कहा कि महिला विकास निगम द्वारा ब्याज मुक्त शिक्षा ऋण योजना कार्यान्वित की जा रही है। इसके तहत एम.बी.बी.एस., एम.बी.ए., इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर, बी.एड., जे.बी.टी. इत्यादि पाठ्यक्रमों के लिए 75 हजार रुपए तक ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस बैठक का उद्देश्य पात्र महिलाओं तक निगम द्वारा कार्यान्वित की जा रही योजनाओं का लाभ पहुंचाना है, ताकि महिलाएं रोज़गार एवं स्वरोज़गार प्राप्त करने के साथ-साथ औरो के लिए रोज़गार प्रदाता भी बन सकें।
डॉ. शांडिल ने निगम का लेखा समयबद्ध करवाने के निर्देश भी दिए। बैठक में अवगत करवाया गया कि निगम की स्वरोज़गार योजना के तहत महिलाओं को दुग्ध उद्योग सहित ब्यूटी पार्लर, टाइपिंग एवं आशुलिपिक स्कूल, रेडीमेड गारमेंट, विभिन्न लद्यु उद्योग, मशरूम उत्पादन, मत्स्य पालन, मौन पालन, आचार-मुरब्बा उत्पादन सहित अन्य लघु उद्योगों के लिए ऋण प्रदान किया जाता है। बैठक में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कार्य योजना और अनुमानित प्रशासनिक व्यय का अनुमोदन भी किया गया।
बैठक में अवगत करवाया गया कि इस वित्त वर्ष में 300 महिलाओं को 2.70 करोड़ रुपए उपलब्ध करवाने तथा 17 विद्यार्थियों को ब्याज मुक्त अध्ययन 12.75 लाख रुपए ऋण के रूप में उपलब्ध करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
निगम के प्रबंध निदेशक अजय यादव ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव आशीष सिंहमार, महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक रुपाली ठाकुर, ग्रामीण विकास विभाग की उप निदेशक सीमा शर्मा, महिला विकास निगम के महाप्रबंधक अजय राघव सहित निदेशक मण्डल के सदस्य बैठक में उपस्थित थे।