नाहन नप क्षेत्र में: पिछले डेढ़ साल से लावारिस कुत्तों का न वैक्सीनेशन,न कोई स्टरलाइजेशन...वर्ष 2024- 25 में मात्र 9 कुत्तोँ का पंजीकरण ...

नाहन नप क्षेत्र में: पिछले डेढ़ साल से लावारिस कुत्तों का न वैक्सीनेशन,न कोई स्टरलाइजेशन...वर्ष 2024- 25 में मात्र 9 कुत्तोँ का पंजीकरण ...

अक्स न्यूज लाइन नाहन  12 सितम्बर :

नाहन परिषद क्षेत्र में अनदेखी का आलम देखिए लोगों के स्वस्थ एंव सुरक्षा के लिए खतरा बनते जा रहे सैंकड़ो लावारिस कुत्तों को लेकर नगर परिषद कितनी जागरूक रही है । पिछले  डेढ साल से इन कुतों की न वैक्सीनेशन हुई और न ही स्टरलाइजेशन । सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेशों के बाद  नगर परिषद हरकत में लेकिन जल्द कुछ होने वाला नहीं लगता।

नप क्षेत्र में घूमने वाले लावारिस कुत्तों में से बहुत से बीमारी से ग्रस्त भी है जिनको आसानी से देखा जा सकता है। ऐसे कुतों को स्टरलाइजेशन की दरकार है। हमलावर कुत्तों की भी भरमार है जो लोगों के लिए खतरा बने है ।  ऐसे में शहर के डॉग लवर्स को आगे आ कर इन लावारिस कुत्तों को बिमारी से बचाने के लिए दबाव बनाये।

एबीसी रूल के मुताबिक साल में एक बार सभी कुत्तों का वेक्सिनेशन  व स्टरलाइजेशन सम्बंधित क्षेत्रों की नगर परिषद को करना पड़ेगा। यही नहीं यह कार्य करने के बाद ऐसे कुत्तोँ पर मार्क या कोई टैग भी लगाना होगा ताकि इनकी अलग पहचान रहे । रूल में यह भी तय है कि नगर परिषद क्षेत्र में घूमने वाले सभी लावारिस कुत्तों की संख्या का रिकॉर्ड भी रखेगी । जिन लोगों ने कुत्ते पाले है उनका पंजीकरण तय संख्या के अनुसार करना नप व कुत्ता पालने वाले लोगों की जिम्मेदारी है।  

हैरानी की बात है कि वर्ष 2024- 25 में मात्र 9 कुत्तोँ का पंजीकरण नगर परिषद में हुआ। अब कुत्तों का पंजीकरण ऑनलाइन पोर्टल पर किया जा सकता है वर्ष  2025-26 में अभी तक 21 लोगों ने पंजीकरण के लिए आवेदन किया है जिसमें से मात्र 2 आवेदन पंजीकृत हुए है शेष 18 लम्बित है और एक मामले में फीस जमा कराने को कहा गया है।

 एबीसी रूल्स की धज्जियां उड़ाई जा रही है क्योंकि नप क्षेत्र में एक बड़े वर्ग ने कुत्ते पाल रखे हैं। इनके पालन पोषण पर हजारों रुपये खर्च कर रहे हैं। लेकिन नगर परिषद में जाकर मामूली रक़म देकर पंजीकरण नही कराया  हैं। 

 उधर नगर परिषद ने बीते साल मार्च-अप्रैल में मात्र 65 कुत्तों का स्टरलाइजेशन किया था। नगर परिषद के पास कुत्तों की संख्या का कोई रिकॉर्ड भी उपलब्ध नहीं है । जबकि गैर सरकारी आंकड़ों के अनुसार नगर परिषद क्षेत्र में सैंकड़ो कुत्ते होंगे। इनमें से ज्यादा तर लावारिस है जो सड़कों, गलियों में डेरा जमाए है । इसका भी कोई रिकॉर्ड नही मिला कि इन कुतों की वेक्सीनेशन कब हुई थी। क्योंकि नगर परिषद का कोई टारगेट तय नहीं है। आरोप है कि लावारिस कुत्तों को लेकर नियमित रूप से आंकड़े जुटाने के लिए सर्वे भी नही कराया जाता है।

 नगर परिषद के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी सजंय कुमार ने बताया कि बीते महीने 26 अगस्त को सदन में कुत्तों का टीकाकरण व स्टरलाइजेशन करने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया है। वैटनरी विभाग से मीटिंग की गई है माह के अंत या फिर अक्टूबर के पहले सप्ताह में यह कार्य आरंभ किया जा सकता है।