जीव जन्तु खुदा की प्यारी मख्लूक, उनकी सेवा खुदा की खुशी का ज़रिया । मौलाना कबीरुद्दीन फारान का सत्यानंद गौधाम में इज़हारे वाकिया

जीव जन्तु खुदा की प्यारी मख्लूक, उनकी सेवा खुदा की खुशी का ज़रिया । मौलाना कबीरुद्दीन फारान का सत्यानंद गौधाम में इज़हारे वाकिया

अक़्स न्यूज लाइन, नाहन -- 21 जनवरी 

 रब ने अपनी कुदरती कृपा से ज़मीन आसमान के बीच रहने वाले जीव जन्तुओं को पैदा किया और एक दुसरे की हिफाज़त, इज़्ज़त व सेवा का हुक्म दिया चाहे इन्सान के रुप में हो या जानवरों व चरिन्दों-परिन्दों की शक्ल में हों रब ने उन्हें तकलीफ पहुंचाने वालों से सख़्त नफरत का धार्मिक किताबों में इज़हार किया है। हज़रत मुहम्मद ने फरमाया सारी मख़्लूक खुदा का कुनबा है जो उनके साथ उम्दा सुलूक करेगा वह खुदा के करीब बेहद पसंदीदा है।

इस हकीकत का इजहार मदरसा कादरिया मिस्सरवाला के प्रधानाचार्य ने श्री सत्यानन्द गौ धाम बेहराल में अधिकारी सचिन ओबराए से एक विशेष मुलाकात में की इस मौके पर गौ धाम के मुख्य अधिकारी  सचिन औबरॉय ने मदरसा से आने वाले प्रधानाचार्य के साथ मुफती नफीस अहमद, मुफती शुऐब अहमद, मौलाना ज़ाकिर हुसैन और हाफिज़ उस्मान का स्वागत किया।

इस मौके पर मौलाना फारान ने कहा कि हम एक खुदा के बन्दे हैं और हमारी नस्ल अदीम और हव्वेवती यानी आदम और हव्वा से है इसलिए आपस में हम सब खानदानी भाई भाई हैं अगर किसी ने शराब ना पी हो तो एक दूसरे समुदाय का झूठा पीना भी पवित्र है। इसलिए हमारा आपसी रिश्ता एक खानदान का है।

मौलाना फारान ने कहा कि बाज़ारी औरत को जन्नत का फैसला रब ने इसलिए किया क्योंकि कीचड में लतपत कुत्ते को उसने पानी पिलाया था और खुदा ने एक औरत के लिए जहन्नम का फैसला इसलिए किया कि वह बिल्ली को बांधकर रखती थी, खाना और पानी नहीं देती थी।

गाय भी खुदा की कुदरत का एक करिश्मा है जो इन्सानों के लिए भारी लाभदायक है इसलिए उसकी खिदमत और रखरखाव, गर्मी, सर्दी, बरसात से बचाकर रखना भी इबादत है।
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चिन औबरॉय ने कहा कि सड़कों, गलियों और जख्म खाए गाय व बैल को भी हम दूर दराज़ से लाकर उसकी देखभाल करते हैं। इस लिहाज़ से इनका यह अमल खुदा की खुशी व मानव जाति की तरफ एक सराहनीय कदम है।