जीएसटी 2.0: जनता के प्रति जवाबदेही और विकास के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक

अक्स न्यूज लाइन शिमला 12 सितंबर : सरकार ने इनकम टैक्स में राहत देने के बाद इनडायरेक्ट टैक्स व्यवस्था में भी सबसे बड़ा सुधार करते हुए ‘जीएसटी 2.0’ लागू करने का साहसिक निर्णय लिया है। किसी भी लोकतांत्रिक सरकार के लिए यह कदम आसान नहीं होता क्योंकि टैक्स में राहत का सीधा असर राजकोषीय संग्रह पर पड़ता है लेकिन मोदी सरकार ने लगातार दूसरी बार ऐसा करके यह संदेश दिया है कि जनता के हित उसके हर फैसले की धुरी हैं। यह दुर्लभ दृश्य है कि कम समय में दो-दो बड़े टैक्स सुधार लागू किए जाएं। पहले डायरेक्ट टैक्स में राहत और अब इनडायरेक्ट टैक्स में सबसे बड़ा बदलाव। यही वह नीति है जिसने मोदी सरकार को आम आदमी के बीच विश्वास का प्रतीक बना दिया है।
विपक्ष की आशंकाएं सच्चाई से कोसों दूर
विपक्ष हमेशा की तरह इस बार भी जनता के हित में लिए गए सरकार के इतने बड़े फैसले भी भ्रम फैला रहा है। विपक्ष के कई नेताओं का आरोप है कि सरकार ने सिर्फ दरों का पुनर्गठन किया है और इससे वास्तविक सस्तीकरण नहीं होगा। जबकि सच्चाई यह है कि उपभोक्ता बाजार में पहले ही बदलाव दिखाई दे रहे हैं। दवा कंपनियां नई कीमतें घोषित कर चुकी हैं, बीमा कंपनियां कम प्रीमियम वाली योजनाएं पेश कर रही हैं और उपभोग वस्तुओं के ब्रांड्स ने MRP घटाने की घोषणाएं शुरू कर दी हैं। जहां विपक्ष भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है, वहीं वास्तविकता यह है कि यह सुधार जनता की ज़िंदगी को आसान बनाने के उद्देश्य से किया गया है। सरकार ने स्पष्ट कहा है कि टैक्स कलेक्शन की कमी को विकासशील क्षेत्रों और बढ़ी हुई मांग से पूरा किया जाएगा।