बेसहारा पशुओं को गौ सदन पहुंचाएगी समिति- उपायुक्त
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि जिले के सभी उपमंडलाधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा और उक्त समिति के गठन के निर्देश दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सेब सीजन अब आरंभ हो चुका है। छोटे बड़े वाहनों की आवाजाही भी काफी बढ़ गई है। सड़कों पर बेसहारा पशुओं के कारण घटना होने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि जिला भर में विभिन्न गौसदनों में अभी तक 911 पशुओं को आश्रय दिया जा सकता है। अभी तक 2381 पशुओं को आश्रय दिया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि पशु पालन विभाग ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हडडी होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की जीविका में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ घर घर तक विभाग द्वारा पहुंचाया जा रहा है। प्रदेश सरकार किसानों की आय में वृद्धि करने की दिशा में कई योजनाओं को लागू किया है। इन्ही योजनाओं से लोगों की आय बढ़ोतरी होना आरंभ हो रहा है।
बैठक में स्वास्थ्य एंव रोगी पशु नियंत्रण, आनुवंशिक सुधार, भेड़ बकरी विकास, मुर्गी पालन विकास, संकटग्रस्त नस्ल के संरक्षण, विस्तारीकरण को लेकर गतिविधियां और वित्तीय वर्ष2024-25 में विभाग की प्रगति रिपोर्ट पर विस्तृत चर्चा की गई । इसके साथ ही केंद्रीय सरकार की योजनाओं की प्रगति के बारे में भी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। बैठक में जोखिम प्रबंधन पशु बीमा योजना के बारे में भी जानकारी रखी गई।
बैठक में उप निदेशक पशुपालन विभाग डा नीरज मोहन, डा हितेद्र ग्रेक सहायक निदेशक परियोजना और डा अमित अत्री सहायक निदेशक पशु उत्पादन विशेष तौर पर मौजूद रहे।
योजनाओं का मिल रहा लाभ
बैठक में जिला में सामान्य श्रेणी के 1215 किसानों को 48 लाख 31 हजार रुपए की वित्तीय सहायता पशुओं के गर्भाधान के दौरान मिलने वाले राशन पर जारी किए गए। वहीं अनुसूचित जाति के 320 किसानों को 12 लाख 72 हजार रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। बैकयार्ड मुर्गी पालन योजना के तहत 18087 चूजें वितरित किए जा चुके है। उत्तम पशु पुरस्कार योजना के तहत 1220 किसानों में 12 लाख 20 रूपए की राशि दी जा चुकी है। उपायुक्त ने हिम कुक्कुट पालन योजना और नर भेड़ वितरण योजना पर कार्य करने के निर्देश दिए।
वित्तीय वर्ष 2023 -24 की उपलब्धियां
75049 गायों में कृत्रिम गर्भाधान, 881 भेंसों में कृत्रिम गर्भारण, 2,21,131 पशुओं में डी वार्मिंग, 2,30,917 पशुओं की डिपिंग, 361 पशुओं की ब्रुसेला जांच और मुर्गी पालन का प्रशिक्षण 67 किसानों को दिया गया। जिला में 848 आवारा कुत्तों का स्टेरिलाईजेशन किया गया। जिले में 1 अप्रैल 2024 से लेकर 28 जुलाई तक 1390 रेबीज के वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
39 गौ सदन में 3292 पशुओं को आश्रय देने की क्षमता
जिला में 39 गौ सदन है। यहां पर 3292 पशुओं को रखे जाने का प्रावधान है जबकि अभी तक 2381 पशुओं को आश्रय दिया गया है
उपमंडल गौ सदन संख्या क्षमता पशु आश्रय
शिमला शहरी 03 107 87
शिमला ग्रामीण 05 765 459
ठियोग 07 260 199
चौपाल 09 1185 949
रोहड़ू 06 210 170
रामपुर 09 765 517