सरकार के खिलाफ : बिजली बोर्ड के हजारों कर्मचारियों का शिमला के हल्ला बोल 7 अगस्त को...

सरकार के खिलाफ : बिजली बोर्ड के हजारों कर्मचारियों का शिमला के हल्ला बोल 7 अगस्त को...

अक्स न्यूज लाइन  नाहन  28 जुलाई  :
हिमाचल प्रदेश स्टेट इलैक्ट्रिसिटी बोर्ड इम्प्लाइज, इंजीनियर व पेंशनर्ज की जॉइंट एक्शन कमेटी (JAC) की जिला सिरमौर इकाई ने जॉइंट एक्शन कमेटी के सयोंजक ई० लोकेश ठाकुर व सह संयोजक हीरा लाल वर्मा के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पर मेजर पेनल्टी के लिए चार्ज शीट फ्रेम करने के  खिलाफ कड़ा विरोध जताया है।
नाहन में मीडिया से रूबरू हुए शमशेर ठाकुर, कमलेश पुंडीर, पूर्ण ठाकुर, धनवीर सिंह , हंस राज, भगवान दास, इम्तियाज हाशमी, सनवीर तोमर, शम्भू दत्त व रोशन लाल ने कहा कि  प्रबंधन वर्ग द्वारा प्रताड़ना की भावना से ट्रेड यूनियन के अधिकारों पर बड़ा हमला बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे पहले प्रवन्धन वर्ग बोर्ड के कार्यालयों के बाहर कर्मचारी संगठनों द्वारा धरना प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा चुका है जो लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है।

जॉइंट एक्शन के राज्य पदाधिकारियों की बैठक 20 जुलाई, 2025 को हमीरपुर में हुई थी और बैठक के बाद पदाधिकारियों द्वारा लिए गए फ़ैसलों की जानकारी मीडिया को दी जिसमे कर्मचारियों के मुद्दों के अतिरिक्त बिजली बोर्ड में पन्नप रहे भ्रष्टाचार पर चर्चा हुई और इस पर रोक लगाने की मांग की गई थी जिससे प्रबंधन वर्ग के कुछ अधिकारियों को बहुत तकलीफ हुई।

उन्होंने कहा कि  अधिकारियों द्वारा आनन-फानन में उपरोक्त पदाधिकारियों पर प्रैस कॉन्फ्रेंस करने और 20 जुलाई को रविवार के दिन स्टेशन लीव न लेने पर कारण बताओ नोटिस दे दिया गया जिसमे 24 घण्टे के अंदर जबाव मंगा गया। पदाधिकारियों द्वारा जैसे ही इसका जबाव दिया गया उसके तुरंत बाद कुछ घंटों में ही ट्रांसफर कर इन पदाधिकारियों की सेवाएं अध्यक्ष व निदेशक वित्त बिजली बोर्ड के साथ अटैच की जाती है और अगले दिन मेजर पेनल्टी के लिये चार्जशीट तैयार की जाती है।आरोप लगाया कि यह सारी प्रक्रिया में निदेशक वित्त व अध्यक्ष बिजली बोर्ड के चैंबर में आनन-फानन में होती है और सम्बंधित कर्मचारियों को बुला-बुला कर हस्ताक्षर कराए जाते हैं। जिस त्वरिता से कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने पर कारवाही की गई उससे बिजली बोर्ड के प्रवन्धन में क्या चल रहा है आप समझ सकते हैं।

जॉइंट एक्शन कमेटी की जिला इकाई ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि बोर्ड में चल रहे घटना क्रम का संज्ञान लेते हुए भ्रष्ट अधिकारियों को बोर्ड से बाहर का रास्ता दिखाया जाए और JAC के नेतृत्व के खिलाफ दी गई चार्जशीट को तुरंत बापिस लेकर उनके कार्यालयों की पहले बाली स्थिति बहाल की जाए। उन्होंने ने मांग की है कि बोर्ड के कार्यसथलो में शान्तिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर लगाई गई रोक को तुरंत बापिस लिया जाए।

उन्होंने मांग की है कि जॉइंट एक्शन कमेटी द्वारा जिला पंचायत के माध्यम से उठाई गई मांगो पर बैठक कर शिघ्र हल करने की भी मांग की गई। जॉइंट एक्शन कमेटी ने प्रवन्धन वर्ग को दो हफ्ते का नोटिस दिया है और फैसला लिया है कि यदि प्रबंधन वर्ग इस बीच इन कार्यलय आदेशों को वापिस नहीं करता और जॉइंट एक्शन कमेटी द्वारा दी गईं मांगो पर वार्ता के लिए नहीं बुलाएगा तो 7 अगस्त को इन आदेशो के खिलाफ शिमला में हजारों कर्मचारी, अभियंता, पेंशनर्ज और आउटसोर्स कर्मचारी विशाल बिरोध प्रदर्शन करगें और उसके बाद एक बड़े राज्य ब्यापी एक्शन की ओर बढ़ने का भी फैसला लिया गया है।