कृषि मंत्री ने राष्ट्रीय सम्मेलन कृषि-रबी अभियान में भाग लिया

इस अवसर पर संबोधित करते हुए प्रो. चन्द्र कुमार ने कालका से किसान ट्रेन चलाने के लिए केन्द्र सरकार से आग्रह किया। इससे किसानों को अपनी फसलें बाजार तक सही समय में पहुंचाने में मदद मिलेगी तथा परिवहन लागत में भी कमी आएगी। उन्होंने केन्द्र सरकार से प्राकृतिक खेती से उगाई गई फसलों का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने का आग्रह किया, ताकि जैविक व प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहले से ही प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न महत्त्वाकांक्षी योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसमें प्राकृतिक खेती द्वारा उगाए गए उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है।
कृषि मंत्री ने मृदा सर्वेक्षण सूक्ष्म स्तर तक करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि खंड स्तर पर मृदा उर्वरता मानचित्र तैयार किए जाने चाहिए ताकि उनकी जानकारी के आधार पर वैज्ञानिक एवं प्रभावी भूमि उपयोग योजना बनाई जा सके। उन्होंने रिमोट सेंसिंग के महत्व पर बल देते हुए कहा कि वर्तमान परिपेक्ष्य में कृषि क्षेत्र में रिमोट सेंसिंग का व्यापक उपयोग करने की आवश्यकता है।
प्रो. चन्द्र कुमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विभिन्न एग्रो क्लाइमेटिक जोन में विभाजित है। सभी फसलों की अलग-अलग जलवायु आवश्यकताएं होती हैं, इसलिए सूक्ष्म स्तर तक योजनाएं बनाई जानी चाहिए। उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने के लिए व्यावसायिक खेती की दिशा में आगे बढ़ने पर बल देते हुए कहा कि प्रदेश में आलू, लहसुन, फलदार फसलें, हल्दी और प्राकृतिक खेती पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने मार्केटिंग लिंकेज पर भी ध्यान केंद्रित करने को कहा।
सम्मेलन में फसल बीमा को सशक्त बनाने, नकली इन्पुटस के खिलाफ कार्रवाई करने, कृषि विज्ञान केन्द्रों कोे मजबूत बनाने और 3 अक्तूबर से विकसित कृषि संकल्प अभियान शुरू करने पर व्यापक चर्चा की गई। सम्मेलन केन्द्र और राज्यों के बीच एकजुटता से भारतीय कृषि के समग्र विकास और किसानों के कल्याण के लिए मिलकर कार्य करने की साझा प्रतिबद्धता के साथ संपन्न हुआ।