आत्मनिर्भर भार का बड़ा हिस्सा हमारी कला, संस्कृति और सृजनशीलता से जुड़ा : जयराम ठाकुर

आत्मनिर्भर भार  का बड़ा हिस्सा हमारी कला, संस्कृति और सृजनशीलता से जुड़ा : जयराम  ठाकुर

अक्स न्यूज लाइन  मंडी, 30 सितम्बर :
जयराम ठाकुर ने विकसित भारत के रंग कला के संग कार्यक्रम में शामिल होकर रिज मैदान पर चित्रकारों द्वारा बनाई चित्रकारी का राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल के साथ अवलोकन किया। तत्पश्चात गेयटी हाल में भारत की उपलब्धियों पर आयोजित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा राष्ट्र है जिसकी आत्मा उसकी संस्कृति और कला में बसी है। “आत्मनिर्भर भारत” का एक बड़ा हिस्सा हमारी कला, संस्कृति और सृजनशीलता से जुड़ा हुआ है। यहाँ विकास केवल आर्थिक या तकनीकी प्रगति तक सीमित नहीं, बल्कि संस्कारों, परंपराओं और कलाओं के संरक्षण एवं संवर्धन के साथ जुड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री 'विकास भी विरासत भी' के विजन के साथ आगे बढ़ रहे हैं।  विकसित भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का कोई सपना नहीं एक विज़न है। जिसका ब्लूप्रिंट उन्होंने बहुत पहले ही तैयार कर रखा है। जिसे पूरा करना हम हर एक भारतवासी का संकल्प है। कोविड जैसी महामारी के समय जब प्रधानमंत्री ने आपदा को अवसर में बदलने का आह्वान किया था तो उसी समय उन्होंने आत्म निर्भर भारत अभियान की शुरुआत भी की थी। विकसित भारत का लक्ष्य बिना भारत को आत्म निर्भर बनाएँ नहीं पूरा हो सकता।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इसीलिए प्रधानमंत्री जी ने “वोकल फॉर लोकल” जैसे अभियानों की शुरुआत की। जिससे हमारी सांस्कृतिक, सामाजिक, भौगोलिक विविधताओं में व्याप्त उत्कृष्टता को परस्पर एक बाज़ार भी मिले ग्राहक भी। ये आत्म निर्भरता किसी एक क्षेत्र पर केंद्रित नहीं थी। आत्म निर्भरता के बिना आजादी का कोई मतलब नहीं है। हमें हर क्षेत्र में आत्म निर्भरता हासिल करनी है। आत्म निर्भरता के बिना स्वतंत्रता अधूरी है। उन्होंने प्रधानमंत्री के आह्वान को दुहराते हुए कहा कि जिस तरीके से हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने, महान विभूतियों ने स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी उसी तरीके से आज हर भारतीय को आत्मनिर्भरता के लिये काम करना होगा। स्वयं को खपाना होगा मेक इन इंडिया मेड फॉर वर्ल्ड का विजन रखना होगा। इस मौके पर राज्यपाल शिव प्रताप मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ विशेष उपस्थिति डॉ नंदलाल ठाकुर, चौपाल विधायक बलवीर वर्मा, भरमौर विधायक डॉ जनक राज समेत भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।


 हिमाचल आते ही मुख्यमंत्री ने खोल दी झूठ की गठरी

जयराम ठाकुर ने कहा है कि मुख्यमंत्री जी विदेश से आते ही अपने झूठ की गठरी फिर से खोल दी है। जो चीजें कागजों पर लिखी हैं, वह भी उन्हें नहीं दिखाई दे रही है या वह जानबूझकर उन्हें अनदेखा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री कहते हैं कि बिना साइन किए टूर प्रोग्राम वायरल किया जा रहा है, जबकि काग़ज़ पर दस्तख़त मुहर सिर्फ़ उन्हें नहीं दिख रहे हैं, पूरे प्रदेश को दिख रहा है कि टूर प्रोग्राम में किसके नाम और दस्तख़त हैं। लेकिन मुख्यमंत्री जी को तो झूठ बोलकर ही अपनी बात काटनी है। यदि वह दौरा निर्धारित नहीं था तो फिर कौन सा दौरा सरकार द्वारा रद्द किया गया है?

जयराम ठाकुर ने कहा कि किसी के विदेश घूमने पर हमारी आपत्ति है ही नहीं, हमारी आपत्ति सरकार के दोहरे रवैये से है। एक तरफ़ जनहित के काम के लिए सरकार के पास पैसे नहीं हैं, दूसरी तरफ़ अधिकारियों, विधायकों और मंत्रियों के विदेश घूमने के लिए पैसे हैं? अब तो जो लोग विदेश जा रहे थे वही लोग बता रहे हैं कि यह लिस्ट और लंबी थी, जिसका बोझ ‘डायरेक्ट-इनडायरेक्ट’ प्रदेश के लोगों को ही उठाना था। क्या यह सही नहीं हैं कि हिम केयर का भुगतान नहीं होने से लोगों को इलाज नहीं मिल रहा है? क्या यह सही नहीं है कि दवाई के बिना एक बेटी के सर से पिता का साया उठ गया? क्या यह सही नहीं है कि सरकार द्वारा हिम केयर में इलाज न करवाने के कारण लोग कैंसर जैसी बीमारी का इलाज बीच में छोड़ने को या उधार लेकर, मंगलसूत्र और कंगन गिरवी रखकर नहीं करवा रहे हैं? और भी विभाग के मंत्री और अधिकारी लोग डेलीगेशन के साथ लोग दुनिया भर की तकनीकी सीख कर आए हैं लेकिन आज प्रदेश में सड़कों के हाल क्या हैं? एक गड्ढा तक नहीं भरा जा रहा है। दो साल से सड़कों का मलबा तक नहीं उठाया जा सका है। इसके बाद सारा दोष विपक्ष और केंद्र सरकार पर मढ़ कर समय निकाला जा रहा है? ख़ुद सरकार  का काम करना नहीं है और विपक्ष पर राजनीति का आरोप लगाना है। इससे बात बनने वाली नहीं है।

 तो क्या अधिकारियों  पर मुख्यमंत्री की कोई पकड़ नहीं?

जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री हर बार सरकार की नाकामी पर कोई न कोई बहाना बना देते हैं और अधिकारियों पर आरोप लगा देते हैं। तो सवाल यह उठता है कि क्या मुख्यमंत्री की अधिकारियों पर कोई पकड़ नहीं हैं या वह अपने हर जन विरोधी फैसले को उल्टा पड़ता देख कर सारा आरोप अधिकारियों पर मढ़ देते हैं? 06 सितंबर को सरकार ने हायर ग्रेड पे वापस लेने की चिट्ठी जारी करता है। जब इसमें सरकार चौतरफा घिरने लगी और और पब्लिक के बीच जाना भी मुश्किल लगने लगा तो मुख्यमंत्री ने सारा आरोप अधिकारियों पर मढ़ दिया। सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री होने के साथ ही वित्त मंत्री भी हैं और उनको बिना बताए इतनी बड़ी चिट्ठी अधिकारियों ने कैसे निकाल दी? मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूँ कि हायर ग्रेड पे को वापस लेने की चिट्ठी जारी करने वाले अधिकारियों पर उन्होंने क्या कार्रवाई की? 15 सितंबर को मुख्यमंत्री ने हायर ग्रेड पे वापस लेने के मामले की जांच के आदेश दिए थे? 6 सितम्बर को जारी चिट्ठी में हुई लापरवाही उन्हें 15 सितंबर को समझ आई। जांच आदेश को अब तक 15 दिन का समय बीत गया है, मुख्यमंत्री की जांच कहाँ तक पहुंची? जाँच में कौन-कौन अधिकारी दोषी पाया गया और उन पर क्या कार्रवाई की गई? मुख्यमंत्री को प्रदेश वासियों को बताना चाहिए।