हाथ से मैला उठाने की कुप्रथा से मुक्त जिला घोषित होने की दहलीज पर ऊना
उपायुक्त ने जिले के सभी खंड विकास अधिकारियों को संबंधित ग्राम पंचायतों से और शहरी निकायों के सचिवों को सभी नगर परिषदों व नगर पंचायतों से उनके क्षेत्र में अस्वच्छ शौचालय और इससे जुड़े हाथ से मैला उठाने की कुप्रथा के संबंध में वस्तुस्थिति की जानकारी लेकर 2 दिन में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वे ग्राम पंचायतों और शहरी निकायों से मैला ढोने की प्रथा से मुक्त होने का प्रमाणपत्र लें अन्यथा इस संबंध में डेटा प्रस्तुत करें। वहीं, उन्होंने जिला कल्याण अधिकारी को जिला स्तरीय सर्वे समिति के सभी सदस्यों से भी यह प्रमाणपत्र लेने के निर्देश दिए जिसमें वे स्पष्ट कहें कि हाथ से मैला उठाने की कुप्रथा का कोई मामला उनके संज्ञान में है अथवा नहीं है।
बता दें, पूर्व में जिले की कुछ पंचायतें तथा नगर परिषदें अपने क्षेत्र में इस प्रकार का कोई भी मामला नहीं होने की जानकारी दे चुके हैं। वहीं इसे लेकर प्रशासन द्वारा प्रकाशित सार्वजनिक सूचना में भी आम नागरिकों से इस संबंध में प्रासंगिक जानकारी अथवा दावा प्रस्तुत करने का अनुरोध किया गया था, जिसमें लोगों से किसी भी प्रकार का कोई दावा नहीं आया था।
अब आधिकारिक घोषणा से पहले डीसी ने जिले की सभी पंचायतों और शहरी निकायों से रिपोर्ट मांगी है। प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर हाथ से मैला उठाने की कुप्रथा से मुक्त जिला घोषित करने के आशय की सार्वजनिक सूचना प्रकाशित की जाएगी। जिसमें आम नागरिकों से इस संबंध में प्रासंगिक जानकारी अथवा दावा प्रस्तुत करने का अनुरोध किया जाएगा। सार्वजनिक सूचना प्रकाशित होने के बाद 15 दिन में यदि प्रशासन के समक्ष कोई दावा नहीं आता है तो उसके उपरांत ऊना को हाथ से मैला उठाने की कुप्रथा से मुक्त जिला घोषित किया जाएगा तथा अंतिम रूप से इसकी अधिसूचना जारी की जाएगी।
बैठक में जिला कल्याण अधिकारी अनीता शर्मा, परियोजना अधिकारी डीआरडीए शैफाली शर्मा, जिला सांख्यिकी अधिकारी हरमिंदर सिंह, सहायक अभियंता जल शक्ति होशियार सिंह, ईओ एमसी मैहतपुर बसदेहड़ा वर्षा चौधरी, कनिष्ठ अभियंता नगर पंचायत अम्ब प्रमोद सिंह, सचिव नगर पंचायत दौलतपुर हर्ष गुप्ता, टाहलीवाल विजय सिंह व गगरेट सुषमा रानी, सैनेटरी सुपरवाइज़र तथा एमसी ऊना विजय कुमार सहित समिति के अन्य सदस्यों ने भाग लिया।