लिंग अनुपात में सुधार के लिए पीसीपीएनडीटी एक्ट का प्रभावी कार्यान्वयन जरूरी-अपूर्व देवगन
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अपूर्व देवगन ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम को चले 10 वर्ष हो गए हैं और जिला ने इसके अन्तर्गत जिला में काफी उपलब्धियां अर्जित की हैं। उन्होंने कहा कि समाज का अभिन्न अंग होने के कारण हम सभी को इस कार्यक्रम सहयोग देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बाल लिंगानुपात में गिरावट को रोकने और उसमें वृद्धि करने के लिए पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) एक्ट बारे हर नागरिक का जागरूक होना महत्वपूर्ण है।
कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन के तौर पर नरेश अधिवक्ता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने पोक्सो, विवेक डोगरा उप जिला न्यायवादी ने अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989, डॉ दिनेश ठाकुर जिला स्वास्थ्य अधिकारी पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक(पीसीपीएनडीटी) एक्ट और डीएसपी सुंदरनगर भरत भूषण ने इन तीनों अधिनियमों में पुलिस की भूमिका के बारे में अवगत करवाया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी अजय बदरेल ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग पर पीसीपीएनडीटी को लागू करने का दायित्व है। इसे लागू करने में स्वास्थ्य विभाग का अहम योगदान है। गर्भ में पल रहे शिशु के लिंग की का न पता चले। इसका प्रयास किया जाता है। पोक्सो के तहत मामला दर्ज होने पर 16 वर्ष से कम आयु की पीड़िता को 21 वर्ष की आयु तक 7500 रूपये मासिक दिया जाता है।उन्होंने चाइल्ड हैल्पलाईन और महिला हैल्पलाईन के बारे में भी जानकारी दी। जिला कल्याण अधिकारी समीर ने युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए सामुहिक तौर पर कार्य करने पर बल दिया।