हरीपुर मस्जिद नाहन: अंजुमन इस्लामिया ने कराया अवैध चुनाव, डीसी से दखल देने की गुहार लगाई..

हरीपुर मस्जिद नाहन: अंजुमन इस्लामिया ने कराया अवैध चुनाव, डीसी से दखल देने की गुहार लगाई..

अक्स न्यूज लाइन नाहन  06 अक्तूबर  :  
अंजुमन इस्लामिया ने बीते दिन कराये हरीपुर मस्जिद नाहन इंतजामिया कमेटी मोहतमिम के चुनाव को लेकर बवाल खड़ा हुआ है। 

पूर्व में चुनी गई हरीपुर मोहल्ला मस्जिद कमेटी ने अंजुमन इस्लामिया द्वारा कल करवाये गए अवैध चुनाव को एक तरफा,अवैध व असंवैधानिक करार दिया है।

मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष शाकिर खान ने जारी एक बयान में आरोप लगाया कि अवैध और आमान्य चुनाव को ज़बरन थोपा नही जा सकता। शाकिर खान ने कह  कि मोहल्ला हरिपुर में समुदाय के लगभग 160 परिवार रहते हैं।  जिनमें से केवल 8 व्यक्तियों की सहमति से बॉबी अहमद द्वारा तथाकथित चुनाव कराया गया। 

उन्होंने ने आरोप लगाया कि सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि यह चुनाव मस्जिद हरिपुर में न होकर अंजुमन इस्लामिया के कार्यालय में कराया गया। ऐसे में कई सवाल खड़े हुए हैं। यह तथाकथित चुनावी  प्रक्रिया खुद ही पूर्णतः संदिग्ध और एकतरफा है।
 खान ने स्पष्ट किया कि मस्जिद हरिपुर मोहल्ला हरिपुर के लोगों की मस्जिद है और इसका अंजुमन इस्लामिया नाहन से कोई संबंध नहीं है।

अंजुमन इस्लामिया का गठन केवल फित्रा, जकात और अन्य चंदे की राशि एकत्र कर ग़रीबों   तक पहुँचाने के उद्देश्य से हुआ था - न कि मस्जिदों पर नियंत्रण करने या उनकी व्यवस्थाओं में  हस्तक्षेप करने के लिए। नाहन की प्रत्येक मस्जिद अपने-अपने मोहल्ले की जनता द्वारा संचालित होती है।

तथाकथित चुनावों से यह साफ़ प्रतीत होता है कि बॉबी अहमद ने मस्जिद हरिपुर के हिसाब-किताब देने से बचने के लिए यह दिखावटी चुनाव कराया है। लेकिन हम स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि "हम बॉबी अहमद से मस्जिद हरिपुर का पूरा हिसाब अवश्य लेकर रहेंगे, क्योंकि यह अल्लाह के घर का पैसा है, किसी की निजी संपत्ति नहीं चाहे इसके लिए हमें न्यायालय में बॉबी अहमद के खिलाफ ही क्यों ना जाना पड़े।

शाकिर खान ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू डीसी सिरमौर से गुहार लगाते हुए कहा कि अंजुमन इस्लामिया सोसाइटी का स्वतंत्र ऑडिट कराया जाए, ताकि जनता के सामने यह स्पष्ट हो सके कि मस्जिदों और चंदे की रकम का सही उपयोग हुआ या नहीं।

आशंका है कि यदि मस्जिद हरिपुर के साथ ऐसा किया जा सकता है, तो अन्य मस्जिदों में भी इसी प्रकार की अनियमितताएँ हो सकती हैं। अतः यह मामला न केवल मस्जिद हरिपुर बल्कि पूरे नाहन शहर की धार्मिक पारदर्शिता और जनविश्वास से जुड़ा हुआ है।