सोशल मीडिया सहित इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में राजनीतिक विज्ञापनों के लिए पूर्व प्रमाणीकरण आवश्यक

सोशल मीडिया सहित इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में राजनीतिक विज्ञापनों के लिए पूर्व प्रमाणीकरण आवश्यक
अक्स न्यूज लाइन सोलन 27 मई : 
ज़िला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने आज यहां कहा कि लोकसभा चुनाव-2024 के दृष्टिगत लागू आदर्श आचार संहिता के तहत राजनीतिक विज्ञापनों को लेकर निर्वाचन आयोग द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इन निर्देशों के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जिसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी शामिल हैं, में राजनीतिक विज्ञापन प्रसारित करने से पहले इनका पूर्व-प्रमाणिकरण ज़िला स्तर पर गठित मीडिया प्रामणिकरण एवं अनुश्रवण समिति से करवाना आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि किसी भी पंजीकृत राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दल अथवा उम्मीदवार को प्रमाणिकरण के लिए समिति के समक्ष विज्ञापन प्रसारण की तिथि से तीन दिन पूर्व आवेदन करना होगा। गैर पंजीकृत राजनीतिक दलों अथवा व्यक्तियों को सात दिन पूर्व आवेदन करना होगा। समिति द्वारा आवेदन प्राप्त होने के दो दिनों के भीतर इसका पूर्व-प्रमाणीकरण करना होगा। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में टेलीविजन, केबल नेटवर्क व चैनल, सिनेमा हॉल, रेडियो व निजी एफ.एम. चैनल, सार्वजनिक स्थलों पर ऑडियो-विजुअल प्रसारण, ई-समाचार पत्रों में राजनीतिक विज्ञापन, बल्क एस.एम.एस. व रिकॉर्ड किए गए संदेश के मामलों में यह पूर्व प्रमाणन आवश्यक है। सोशल मीडिया व इंटरनेट वेबसाइट पर भी राजनीतिक विज्ञापन के प्रसारण के लिए पूर्व प्रमाणन जरूरी है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों व उम्मीदवारों के अधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट में प्रसारित राजनीतिक सामग्री को विज्ञापनों की श्रेणी से बाहर रखा गया है।

उपायुक्त ने कहा कि मतदान दिवस एवं इससे एक दिन पूर्व समाचार पत्रों एवं अन्य प्रिंट माध्यम से राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए भी पूर्व प्रमाणन करवाना होगा। उन्होंने कहा कि इन दो दिनों के अलावा फ्लेक्स होर्डिंग, वॉलपेपर, पैंफलेट इत्यादि के प्रकाशन के लिए यह प्रमाणन आवश्यक नहीं है, हालांकि इनमें प्रकाशित सामग्री आदर्श आचार संहिता तथा निर्वाचन सम्बन्धी अन्य कानूनों एवं निर्देशों के अनुरूप होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि ज़िला लोक सम्पर्क अधिकारी के कार्यालय में स्थापित ज़िला मीडिया प्रमाणिकरण एवं अनुश्रवण समिति के माध्यम से प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रसारित एवं प्रकाशित राजनीतिक विज्ञापनों तथा पेड न्यूज़ की चौबीसों घण्टे कड़ी निगरानी की जा रही है। राजनीतिक विज्ञापनों अथवा पेड न्यूज़ के मामलों पर संज्ञान लेते हुए इनका व्यय सम्बन्धित राजनीतिक दल अथवा उम्मीदवार के चुनावी व्यय में समायोजित किया जा रहा है।