जिले में मॉडल सोलर विलेज के रूप में विकसित होगा एक गांव: डीसी
उन्होंने बताया कि जिला कांगड़ा में आदर्श सौर ऊर्जा गांव के चयन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। ऐसे गांव आदर्श सौर ऊर्जा गांव कि चयन की प्रक्रिया में भाग लेने के पात्र होंगे जिन की जनसंख्या 2000 या इससे अधिक हो तथा अपारम्परिक ऊर्जा के उपयोग में सबसे अधिक भागीदार हो। ऐसे चयनित आदर्श सौर ऊर्जा गांव के विकास के लिए तथा गांव में हरित ऊर्जा के विस्तार के लिए सरकार एक करोड़ रुपए स्वीकृत करेगी। चयन के लिए जिला कांगड़ा के पात्र गांवों की सूची हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत परिषद के कांगड़ा, देहरा तथा डलहौजी वृतों को उपलब्ध करवा दी गई है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को जल्द से जल्द ऐसे संभावित गांवों की सूचि तैयार कर मॉडल सोलर विलेज का चयन करने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि चयनित मॉडल सोलर विलेज के लिए सरकार द्वारा नामित ’मॉडल सोलर विलेज कार्यान्वयन एजेंसी’ गांव को सोलर पावर्ड विलेज में बदलने के लिए एक डीपीआर विकसित कर उसपर काम करेगी। उपायुक्त ने बताया कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को जिला कांगड़ा में प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा ताकि लक्ष्य हासिल किए जा सकें तथा नियमित आधार पर योजना के क्रियान्वयन में हुई प्रगति की समीक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
सरकारी उपदान से लगाएं घरों में सोलर पैनल
हेमराज बैरवा ने बताया कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं की छतों पर 3 किलोवाट तक की क्षमता के ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पावर प्लांट पर सरकार द्वारा उपदान की सुविधा है। 2 किलोवॉट क्षमता तक बैंचमार्क कॉस्ट का 60 प्रतिशत अर्थात 33000 रुपए प्रति किलोवॉट तथा अतिरिक्त 1 किलोवॉट पर बैंचमार्क कॉस्ट का 40 प्रतिशत अर्थात 19800 रुपए की उपदान की सुविधा है। उन्होंने बताया कि लोग स्वयं पीएम सुर्य घर के ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्टर कर योजना का लाभ उठा सकते हैं।
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा प्रोत्साहित: रमेश ठाकुर
परियोजना अधिकारी हिमऊर्जा एवं डीएलसीसी के सदस्य सचिव रमेश ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का क्रियान्वयन जहां ’हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत परिषद सीमित’ द्वारा किया जा रहा है वहीं सरकार द्वारा हिम ऊर्जा को योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए नोडल एजेंसी के रूप में अधिसूचित किया गया है। योजना के मुख्य घटकों में घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के लिए केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए), सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा संतृप्ति, स्थानीय निकायों को प्रोत्साहन के लिए प्रोत्साहन राशि तथा आदर्श ऊर्जा ग्राम का विकास आदि शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि योजना के तहत पूरे देश में 31 मार्च, 2027 तक एक करोड़ घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं की छतों पर एक करोड़ ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पावर प्लांट लगाने का लक्ष्य है, जिस के लिए केंद्र सरकार द्वारा 75021 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उपरोक्त राशि में से घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के लिए केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) के रूप में 65700 करोड़ रुपए, डिस्कॉम के लिए प्रोत्साहन के रूप में 4950 करोड़ रुपए, स्थानीय निकायों को प्रोत्साहन के रूप में 1000 करोड़ रुपए, आदर्श ऊर्जा ग्राम के लिए 800 करोड़ रुपए तथा जागरूकता और आउटरीच के लिए 657 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
यह रहे उपस्थित
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त विनय कुमार, वरिष्ठ अभियंता विद्युत बोर्ड देहरा सर्किल कुलबीर कुमार, अधिशाषी अभियंता विद्युत बोर्ड जवाली मंडल विशाल कुमार, अध्यक्ष जिला परिषद रमेश बराड़ सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।