सरकार के सियासी दबाव में भाजपा शासित नगर परिष्द नाहन,हाऊस की बैठकें नही,कार्यकारी अधिकारी पर साधा निशाना
अक़्स न्यूज लाइन, नाहन -- 22 अगस्त
कांग्रेस सरकार के दबाव व घटिया सियासत के चलते भाजपा शासित नगर परिषद नाहन में पिछले कई महीनों से हाऊ स की बैठक नही होने दी जा रही है। विकास कार्य ठप्प हो गए है। नप क्षेत्र की समस्याओं का निदान लटका है, जनता नप कार्यालय के धक्के खाने को मजूबर है। नप अध्यक्षा श्यामा पुंडीर ने मीडिया को जारी बयान में आरोप लगाते हुए कहा कि
प्रदेश सरकार की दवाब की राजनीति की मार नगर परिषद झेल रही है। घाटिया सियासत सरकारी दबाव का आलम यह है कि मार्च महीने के बाद आज तक नगर परिषद का जनरल हाऊस नही हुआ है।
नप अध्यक्षा ने बताया कि पहले आचार संहिता के कारणा हाऊस अटका इसके बाद सरकार के दबाव की वजह से हाऊस नहीं करने दिया जा रहा है। श्यामा पुंडीर ने आरोप लगाया कि लगातार एजेंडा बंट जाने के बाद भी सरकार के दबाव आकर कार्यकारी अधिकारी बिना सूचना के गायब हो जाते है। कभी हाउस से बचने के लिए छुट्टी पर चले जाते हैं।
नप अध्यक्षा ने कहा कि ऐसा एक बार नही, लगातार हो रहा है। श्यामा पुंडीर ने कहा कि अतिरिक्त कार्यभार वाले कार्यकारी अधिकारी ने आज एजेन्डा फाईनल होने के बावजूद इसकी जानकारी किसी भी पार्षद को नही और न हाऊस आयोजित क रवाया। उन्होन आरोप लगाया कि नगरपालिका के कर्मचारियों पर पार्षदों के काम न करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। जनता पूरी तरह से तस्त है। लोगों के काम हाउस न होने की वजह से लटके है। आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विभाग के निदेशक को पत्र लिखकर जानकारी दी गई लेकिन कोई कारवाई नही हुई।
गौरतलब है कि कुछ अरसा पहले कार्यकारी अधिकारी के खिलाफ भाजपा पार्षद व नप अध्यक्षा धरना लगा कर नारेबाजी कर चुके है। यह आरोप लगता रहा है कि नप के इओ कांगेसी पार्षदों व सरकार कदबाव में आकर काम लटका रहे है। 50 के करीब पारित प्रस्तावों पर काम नही हुआ। नियमित ईओ एक बार 3 महीने के अवकास पर चले गए है। राजगढ के नप सचिव को अतिक्ति भार कुछ दिनों पहले दिया है। उधर भाजपा शासित परिषद के सदस्य राज्य भाजपा अध्यक्ष डा राजीव बिंदल के साथ डीसी सिरमौर मिले थे। लेकिन अभी तक न तो ईओ की कोई जवाब तलबी हुई और न नियमित हाऊस बुलाने केआदेश सरकार ने दिए।
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अजय गर्ग ने इस मामले में स्पष्ट किया जो एजेन्डा रखा गया इसकी कोई जानकारी नहीं थी ओर आधा अधूरा था। हाऊस बुलाने के भी कोई तारीख तय नही थी। सभी पार्षदों की राय के बाद एजेंडा तैयार होने के बाद हाउस की तारीख निर्धारित कर दी जायेगी।