अक्स न्यूज लाइन शिमला 1 दिसंबर :
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने आज एक बयान जारी करते हुए कहा कि कल पूरे प्रदेश ने देखा कि किस प्रकार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने छोटे-छोटे बच्चों से मिलने के दौरान उन्हें “राधे-राधे” के बजाय “नमस्ते” कहने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री यह भूल गए कि उन मासूम बच्चों ने उनसे पहले उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद मांगा था, लेकिन मुख्यमंत्री ने आशीर्वाद देने के बजाय उनके धार्मिक अभिवादन पर सवाल खड़े कर दिए।
संदीपनी भारद्वाज ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री ने मासूम बच्चों की आस्था और संस्कृति पर टिप्पणी की, जबकि वही मुख्यमंत्री मात्र एक दिन के भीतर एक जनसभा में “राधे-राधे”, “जय श्री राम” और “वंदे मातरम्” के नारे लगाते हुए नजर आए। यह घटनाक्रम स्पष्ट रूप से यह प्रमाणित करता है कि हिमाचल प्रदेश और देश के सनातनी समाज की जनभावनाओं के दबाव में मुख्यमंत्री को अपनी भाषा और रुख बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा।
उन्होंने कहा कि जिन बच्चों की भावनाओं को कल नज़रअंदाज़ किया गया था, आज उन्हीं भावनाओं को मंच से व्यक्त करना पड़ा। यह सीधे तौर पर सनातन की जीत और सनातन विरोधी मानसिकता की हार को दर्शाता है। यह भी स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री द्वारा लगाए गए इन नारों की जानकारी कांग्रेस हाईकमान तक अवश्य पहुँचेगी, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा क्या निर्णय लिया जाता है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि अभी तो जनता की भावना के सामने मुख्यमंत्री को एक रात में अपने विषय बदलने पड़े हैं, लेकिन यह सिलसिला यहीं नहीं रुकेगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के 97 प्रतिशत से अधिक सनातनी और हिंदू समाज 2027 में कांग्रेस सरकार को पूरी तरह सत्ता से बाहर बैठाने का मन बना चुका है।
अंत में संदीपनी भारद्वाज ने कहा कि यह सिर्फ राजनीतिक बयानबाज़ी नहीं, बल्कि प्रदेश की जनता की आस्था, संस्कृति और सनातन परंपराओं के सम्मान का प्रश्न है। भाजपा सनातन मूल्यों के साथ मजबूती से खड़ी है और किसी भी प्रकार के अपमान को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।