शहर से 5 किलो मीटर दूर बना जंगल में कैसे चलेगा मेक शिफ्ट अस्पताल में किसी ने नही सोचा...... अफसरशाही यह कहकर पल्ला झाड़ते हुए कहा था केंद्र की तरफ से फ्री में मिला मेकशिफ्ट अस्पताल
अक्स न्यूज लाइन ..नाहन 1 अप्रैल 2023
- एक करोड़ से ज्यादा का बजट खर्च करके बनाए वार्ड हो रहे है बर्बाद
कोरोना संक्रमण से निपटने के लिये सालों पहले कोरोना काल में शहर से करीब 5 किलोमीटर दूर पुलिस फायरिंग रेंज जुडड़ा का जोहड़ में 100 बेडेड कोविड मेक शिफ्ट अस्पताल सालों से विरान पड़ा है। कोरोना काल में भी मेक शिफ्ट अस्पताल में कभी एक भी रोगी भर्र्ती नही किया। एक करोड़ से ज्यादा का बजट खर्च करके बनाए गए कई वार्ड अनदेखी के चलते सालों से बर्बाद हो रहे है। मेक शिफ्ट अस्पताल में सरकार ने लाखों रूपए का साजोसामान अलग से फि ट कर रखा है। सुरक्षा की दृष्टि से मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने अपने चार सिक्योरिटी गॉर्ड ड्यूटी पर लगा रखें हैं जो 24 घंटे शिफ्ट में तैनात है।
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के लिए यह अस्पताल आज परेशानी बना है। शहर से दूर होने के कारण इसका प्रयोग नही किया जा सका है। लेकिन इस सबके बावजूद एक सबसे बडा सवाल यह है कि अगर इस मेक शिफ्ट अस्पताल प्रयोग अन्य कोई प्रोजैक्ट चलाने के लिये किया जाए तो सरकार के तय मापदंडो के अनुसार स्टाफ कहां से तैनात होगा। स्टाफ को जगंल के बीच कैसे रखा जाएगा। मेडिकल कालेज अस्पताल में पहले से ही सालों से स्टाफ के लाले पडे है। सरकार द्वारा दी गई करोड़ों रूपये की मशीनरी को चलाने के स्टाफ उपलब्ध नही हो रहा है। मेडिकल कालेज अस्पताल में पहले ही 25 बेडेड कोविड वार्ड उपलब्ध हैं।
मेकशिफ्ट अस्पताल के लिये भूमि मेडिकल कालेज परिसर के आसपास ही दी जाती तो आज यह बर्बाद नही होता। क्योंकि कोरोना हमेशा तो रहेगा नही। ऐसी स्थिति में मेकशिफ्ट अस्पताल के 100 बेड अन्य रोगियों के लिए भविष्य में काम आते लेकिन सिस्टम ने ऐसा सोचने की जहमत नहीं उठाई। मिली जानकारी के अनुसार मेकशिफ्ट अस्पताल को खड़ा करने के लिए एक करोड़ से ज्यादा का खर्च हुआ है। उधर अफसरशाही यह कहकर पल्ला झाड़ रही कि जिले को केंद्र की तरफ से यह मेकशिफ्ट अस्पताल फ्री में मिला है। अफसरों को यह भूलना चाहिए कि फ्री में मिले इस अस्पताल का बजट जनता के टैक्स से आया था।
वर्ष 2000 में केंद्र सरकार ने राज्य को 5 मेक शिफ्ट अस्पताल दिए थे
कोरोना काल मे 2000 में केंद्र सरकार ने राज्य को 5 मेक शिफ्ट अस्पताल संक्रिमितों को दाखिल करने के लिए स्वीकृत किये तब नाहन भी सूची में शामिल था। जैसे ही जिला कलेक्टर ने पुलिस फायरिंग रेंज जुडड़़ा का जोहड़ के लिये नोटिफि केशन जारी की इसके साथ ही पुलिस विभाग ने फायरिंग रेंज को महत्त्वपूर्ण बता कर जमीन के नाम पर अड़ंगा डाला दिया था। यही नही मैडीकल कॉलेज ने भी प्रस्तावित मेक शिफ्ट अस्पताल यह कहकर पल्ला झाड़ते हुए
जिला प्रशासन से कह दिया था कि मैडीकल अस्पताल में तो स्टाफ का पहले ही टोटा पड़ा है मेक शिफ्ट के लिये अतिरिक्त स्टाफ नही मिल सकता। उधर जब मेक शिफ्ट अस्पताल को लेकर जब पुलिस विभाग ने सरकार पर दबाव बनाया और जिले के पूर्व एस पी ने पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखा तो सरकार ने ख़ुद ही मेक शिफ्ट अस्पताल को योजना से अपने हाथ खींचे कर प्रस्तावित अस्पताल को ठन्डे बस्ते में डाल दी थी। जबकि अन्य स्थानों पर तय समय मे सभी मेक शिफ्ट अस्पताल तैयार कर लिए गए थे। लेकिन बाद में जिला प्रशासन के प्रयासों से विवाद निपटा क र अस्पताल खड़ा करवा दिया गया था।
-पुलिस फायरिंग रेंज जुडड़ा का जोहड़ में 100 बेडेड कोविड मेक शिफ्ट अस्पताल कोरोना काल में बना था। लेकिन इसका सही तरीेके से प्रयोग नही हो पाया। मेकशिफ्ट अस्पताल के कु छ केबिन नाहन लाकर मेडिकल कॉलेज के आसपास स्थापित करने की बनी थी इसकी अनुमति अभी नही मिली है। मेक शिफ्ट अस्पताल प्रयोग रूरल हैल्थ सैंटर के रूप में करने बारे सोचा जा सकता है यह सैंटर कॉलेज में खोला जाना है।
-डा श्याम कौशिक, प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज नाहन