तीर्थन घाटी के होमस्टे में मधुमक्खियों की अनोखी मेहमानबाजी, कमरे की अलमारी बनी मधुमक्खियों का नया बसेरा

अक्स न्यूज लाइन तीर्थन घाटी गुशेनी बंजार:-
जिला कुल्लू उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी के एक होमस्टे में आज बड़ अनोखा दृश्य देखने को मिला है। अचानक ही जंगल की ओर से मधुमक्खियों का एक बड़ा झुंड यहां आकर ठहर गया। यह झुंड होमस्टे के एक कमरे की छोटी सी अलमारी में जाकर बैठ गया। होमस्टे के संचालक और अन्य लोग इस नज़ारे को देखकर हैरान रह गए।
स्थानीय लोगों ने बताया शुभ संकेत
होमस्टे के संचालक ने बताया कि हमने पहली बार ऐसा नज़ारा देखा है। पहले तो डर लगा, लेकिन लोगों ने कहा कि मधुमक्खियों का इस तरह आना शुभ माना जाता है। आसपास के लोगों ने भी इस घटना को प्रकृति के प्रति सम्मान और संतुलन का संकेत बताया।
पर्यावरण और खेती के लिए मददगार
मधुमक्खियां हमारे पर्यावरण के लिए बहुत उपयोगी होती हैं। ये फूलों से परागण (पॉलिनेशन) करके खेती-बाड़ी और बागवानी में मदद करती हैं। इनके कारण ही कई फसलों और फलदार पेड़ों में बेहतर उत्पादन होता है।
शहद स्वाद और सेहत का खजाना
मधुमक्खियां शहद बनाती हैं, जो प्राकृतिक मिठास से भरपूर होता है। शहद ऊर्जा देने के साथ-साथ औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है। यह सर्दी-खांसी, गले के दर्द और त्वचा के लिए लाभकारी माना जाता है।
कुल्लू में बढ़ रहा है मधुमक्खी पालन
कुल्लू और यहाँ आसपास के क्षेत्रों में कई किसान और युवा अब मधुमक्खी पालन से जुड़ रहे हैं। यह उन्हें अतिरिक्त आय का साधन देता है। मधुमक्खी पालकों के अनुसार, मधुमक्खियों को सुरक्षित माहौल मिले तो वे अच्छा शहद बनाती हैं और इससे स्थानीय रोजगार भी बढ़ता है।
सुरक्षित तरीके से हटाने की तैयारी
संचालक द्वारा मधुमक्खी पालक विशेषज्ञ को इस घटना की जानकारी दी गई है। बताया जा रहा है कि मधुमक्खियों को किसी नुकसान के बिना सुरक्षित तरीके से हटाकर उन्हें विशेष बॉक्स या छत्ते में शिफ्ट किया जाएगा। इससे मधुमक्खियां अपने प्राकृतिक ढंग से शहद बना सकेंगी और लोगों के लिए भी खतरा नहीं होगा।
प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व का उदाहरण
यह घटना दिखाती है कि अगर इंसान समझदारी और सावधानी से काम करे तो प्रकृति और मनुष्य साथ-साथ रह सकते हैं।