14, होटल बेचने का फरमान एच.पी.टी.डी.सी पर सरकार ही आपदा राहत O.N.M व्यवस्था :विवेक शर्मा

अक्स न्यूज लाइन सोलन 10 जुलाई :
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विवेक शर्मा ने सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा:- हिमाचल प्रदेश एच.पी टी.डी.सी के होटलों को बेचने का नया फरमान गत 8 जुलाई 2025 को सामने आया है।
इसमें प्रदेश के 14 प्रतिष्ठित होटल को बेचने का फरमान "संचालन व रखरखाव" के नाम पर 28 जून 2025 की कैबिनेट में पास हो गया था। जिसकी जानकारी को भी सार्वजनिक नहीं किया गया व प्रदेश की जनता से छुपाया गया है और यह सीधे तौर पर हिमाचल प्रदेश में संवैधानिक संकट को दर्शाता है।
कैबिनेट ब्रीफिंग में इसकी जानकारी मीडिया को क्यों नहीं दी गई और अब एम.डी टूरिज्म को कॉर्पोरेशन की B.O.D में प्रस्ताव पारित करने के लिए दबाव डाला जा रहा है।
जबकि एच.पी. टी.डी.सी अपेक्स बॉडी है। स्वयत्तता
प्राप्त संस्थान है सभी निर्णय लेने के लिए संवैधानिक तौर पर अधिकृत है उस पर दबाव डालना गैर कानूनी है।
यह आदेश उस समय और भी महत्वपूर्ण हो जाते है जब पूरा प्रदेश आपदा प्रभावित क्षेत्र की ओर देख रहा हो। मीडिया का ध्यान भी आपदा राहत की और है। ऐसे समय में सचिवालय से निकली आपदा एच.पी.टी.डी.सी पर आ गई है और यह प्रमाण पत्र है कांग्रेस की अंतरकलह का जिस पर रघुवीर सिंह बाली को अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए, अगर सब कुछ सामान्य है तो पहले एच.पी टी.डी.सी की गर्वनिंग बॉडी सरकार को प्रस्ताव भेजती।
एक और पर्यटन को बढ़ावा देने की सरकार दावे करती है गत 6 जनवरी 2025 को पर्यटन विकास निगम की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने 11 संपत्तियों के जीर्णोद्धार के लिए 250 करोड़ स्वीकृत किए थे । पर्यटन विकास पर 2415 करोड़ आधारभूत ढांचे पर खर्च करने की घोषणा की थी। लेकिन 6 महीने में ऐसा क्या हुआ कि गत 8 जुलाई 2025 को 14 होटल को बेचने की नौबत आ गई।
1,होटल हिलटॉप स्वारघाट।
2,लेक व्यू बिलासपुर। 3,होटल बागल दाडलाघाट
4,वे साइड बराडीघाट। 5,ममलेषवर चिडी करसोग।
6,एप्पल ब्लॉसम फागु।
7,होटल शिवालयक परमाणु।
8,गिरी गंगा खड़ा पत्थर।
9,चाशिल रोडू।
10,टूरिस्ट इन राजगढ़
11,होटल सरवरी कुल्लू।
12,रोज़कौमन कसौली।
13,कश्मीरी हाउस धर्मशाला
14,होटल ऊल जोगिंदर नगर
जबकि नवंबर 2024 से निगम और सरकार न्यायालय में लड़ रही है। 22 नवंबर को एकल पीठ ने 18 होटल में से 9 होटलों को 31 मार्च 2025 तक चलाने की अनुमति दी थी। लेकिन जिन 18 होटल को बंद करने का फरमान सरकार ने पूर्व में सुनाया था यह 14 होटल उनसे अतिरिक्त है। पर्यटन विभाग की 32 संपत्तियों खतरे में है। 8 जुलाई के पत्र के पश्चात कर्मचारियों का विरोध देखते हुए सरकार ने एक नया शगुफ्ता छोड़ा है O.N.M संपत्ति सरकार के नाम रहेगी लेकिन पर्यटन विभाग के कर्मचारी आउटसोर्स कर दिए जाएंगे। जो इस बात का प्रमाण पत्र है की सरकार ही चोर है। कर्मचारी ईमानदार है। पर्यटन विभाग की पालमपुर यूनिवर्सिटी का पर्यटन के नाम भूमि विवाद सर्वोत्तम न्यायालय पहुंच गया है। 1 सितंबर 2023 को अध्यक्ष पर्यटन विकास निगम आर एस बाली ने कहा था की 3000 करोड़ की योजना सरकार 5 करोड़ पर्यटकों की अनुगाई के लिए हिमाचल में बनाएगी।
गत वर्ष जूलाई 2024 में 11 योजनाओं के लिए 696.47 करोड़ के प्रावधान का आश्वासन मुख्यमंत्री ने दिया था। बोर्ड के समक्ष अधिकारियों के मध्य। जबकि गत वर्ष 20 दिसंबर 2024 को सरकार ने जानकारी दी थी कि एशियाई डेवलपमेंट बैंक के साथ पर्यटन को पंख लगाने के लिए 1378 करोड़ का एम.ओ.यू साइन हुआ है जो जिला कांगड़ा, कुल्लू, मंडी व शिमला के प्रमुख पर्यटक स्थलों के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए उपयोग में लाया जाएगा।
रोलर स्केटिंग रिंग से लेकर के वैलनेस सेंटर कायाकल्प पर जोर दिया जाएगा।
यह सरकार अपनी विश्वसनीयता अपने सहयोगियों, प्रशासनिक अधिकारियों, मीडिया यहां तक के आमजन और अपने कार्यकर्ताओं के मध्य खो चुकी है।